चैंबर चुनाव: कोषाध्यक्ष पद की दोनों आपत्ति दरकिनार, समिति बोली- समय रहते क्यों नहीं उठाई आपत्ति, दोनों प्रत्याशी चुनाव बाद निर्णय लेने को स्वतंत्र

आगरा, 11 मार्च। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के चुनावों में कोषाध्यक्ष पद के दोनों प्रत्याशियों की शिकायतें खारिज कर दी गई हैं। रविवार को दिन भर गहमागहमी के बाद सोमवार को हुई चुनाव समिति की बैठक में दोनों प्रत्याशियों की शिकायतों को दरकिनार कर दिया गया।
चुनाव समिति के सदस्य पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल ने बताया कि दोनों प्रत्याशियों के नामांकन पत्र विगत एक मार्च को जांच के दौरान सही घोषित कर दिए गए थे और नौ मार्च को नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद अंतिम सूची चस्पा कर दी गई थी। इसके बाद कोषाध्यक्ष पद के एक प्रत्याशी नीतेश अग्रवाल ने अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन सारस्वत के खिलाफ आपत्ति दाखिल की। यह देखते हुए सचिन सारस्वत ने भी चुनाव समिति को अपने जवाब के साथ नीतेश अग्रवाल के खिलाफ आपत्ति दाखिल कर दी थी।
मुद्दा तूल पकड़ते देख चुनाव समिति ने सोमवार को बैठक बुलाई और तय किया कि नामांकन पत्रों की जांच हो चुकी है, आपत्ति की समय सीमा निकल चुकी है, तीन दिन बाद मतदान होना है, इसलिए दोनों ही आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। अमर मित्तल ने पूछे जाने पर कहा कि दोनों ही प्रत्याशी चुनाव बाद सक्षम मंच पर अपनी आपत्ति उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। 
अध्यक्ष और सह अध्यक्ष नहीं पहुँचे बैठक में
सोमवार को हुई बैठक में चुनाव समिति के अध्यक्ष महेन्द्र सिंघल और सह अध्यक्ष मनीष अग्रवाल नहीं पहुँचे। बताया गया कि महेंद्र सिंघल पारिवारिक कार्यक्रम में लखनऊ गए हुए हैं। उन्होंने मनीष अग्रवाल से इस बैठक की अध्यक्षता करने को कहा था, लेकिन मनीष अग्रवाल को भी सुबह धार्मिक कार्य से शहर से बाहर जाना था। इसलिए वह भी बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि दावा किया गया कि महेंद्र सिंघल बैठक से वर्चुअली जुड़े रहे।
पहले नानुकुर फिर एक विशेषज्ञ को बुलाया
इससे पूर्व रविवार को चुनाव समिति के सह अध्यक्ष ने प्रस्तावित बैठक में दो संविधान विशेषज्ञों को भी बुला लेने का प्रस्ताव रखा था, जिसका समिति के कुछ सदस्यों ने यह कहकर विरोध कर दिया कि समिति सक्षम है। इस पर सह अध्यक्ष ने कहा कि वह केवल उनकी राय लेने के लिए बुलाने की बात कर रहे हैं, न कि बैठक में वोटिंग की स्थिति बनने पर वोटिंग में शामिल करने की कह रहे हैं।
खैर, आज हुई बैठक के दौरान एक संविधान विशेषज्ञ को बुला लिया गया। बैठक में एक और पूर्व अध्यक्ष भी पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने बताया कि वे केवल एक सूचना देने भर के लिए गए थे और बैठक की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए।
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