होटलों को भारी जुर्माने से 12 अक्टूबर तक राहत

आगरा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से ताजनगरी सहित नौ शहरों के 1409 होटलों को फिलहाल राहत मिल गई है। इनमें शहर के करीब तीन दर्जन होटल भी शामिल हैं। कोर्ट ने आगरा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन की पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली। अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। तब तक भूजल दोहन के मामले में लगाए गए 10 से 50 लाख रुपये जुर्माने की वसूली नहीं होगी।
गौरतलब है कि गाजियाबाद निवासी आरती ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के विरुद्ध एनजीटी में वर्ष 2018 में याचिका दायर की थी। 17 अक्तूबर, 2022 को एनजीटी ने याचिका पर नौ शहरों के 1409 होटल पर जुर्माना लगाया था। जिस पर पुनर्विचार के लिए जनवरी में होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने याचिका की। यह याचिका खारिज हो गई थी।
बृहस्पतिवार को एनजीटी में सुनवाई के दौरान आगरा होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने आदेश पर पुनर्विचार के लिए प्रार्थना की। भूजल दोहन के अलावा जलापूर्ति का कोई अन्य विकल्प नहीं होने और स्टोकहोम कमेटी के आदेशों का पचास साल बाद भी अनुपालन नहीं होने की बात कही।
याचिकाकर्ता रमेश वाधवा ने बताया कि एनजीटी ने पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली है। विपक्षी से तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। इस पैरवी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक एवं एसोसिएशन के विधि विशेषज्ञ केशो मेहरा ने बताया कि अगली सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी। तब तक किसी प्रकार का जुर्माना होटल संचालकों ने नहीं वसूला जाएगा।
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