जातिवाद ब्राह्मणों ने नहीं, नेताओं ने फैलाया- स्वामी रामभद्राचार्य
आगरा, 10 अप्रैल। कोठी मीना बाजार मैदान पर बनाए गए वृहद पंडाल में राम कथा कह रहे जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य ने सोमवार को आठवें दिन अरण्यकाण्ड का वर्णन करते हुए कहा कि आदिकाल से देश में जातिवाद नहीं रहा, राम ने भीलनी शबरी के झूठे बेर खाए। उन्होंने कहा कि आरोप लगाया जाता है कि ब्राह्मणों ने जातिवाद फैलाया, लेकिन वास्तविकता यह है कि जातिवाद ब्राह्मणों ने नहीं, बल्कि कुर्सी के प्रिय नेताओं ने फैलाया। वोट की राजनीति के लिए नेताओं ने जातिवाद आधारित आरक्षण लागू किया। स्वामी जी ने सवाल किया कि जब सभी जाति समान हैं, तो जाति के आधार पर आरक्षण क्यों लागू है। उन्होंने पूछा कि ब्राह्मण के यहां जन्म लेना कोई अपराध है। ब्राह्मण के बच्चे शत-प्रतिशत अंक लाकर भी जूते घिसें और आरक्षण प्राप्त छात्र कम अंक लाकर उच्च पदों पर विराजमान हो जाएं। क्या यह उचित है। यह व्यवस्था खत्म होनी चाहिए।
उन्होंने नेताओं को दोषारोपित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने मंडल-कमंडल का विष फैलाया। अंबेडकर भी हिंदू धर्म को समझ नहीं पाए।
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि राष्ट्र की समस्याओं के सूत्र केवल रामचरित मानस में ही उपलब्ध हैं, इसलिए इसे राष्ट्र ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं रामायण में नारी का सम्मान नहीं हुआ, वे गलत कहते हैं। पूरी रामायण में नारी का सम्मान ही है। ऐसा नहीं होता तो रामायण केवल दो कांड में पूरी हो जाती। पत्नी का सम्मान जितना राम ने किया कोई नहीं कर सकता। रामायण में प्रसंग है कि हरण से पहले राम ने सीता को अग्नि में प्रवेश करा दिया था और छाया रूपी सीता को प्रगट कर आगे की लीला की थी। इसे इस तरह समझें कि राम ने बता दिया कि पत्नी की परछाई पर भी कोई बुरी दृष्टि डाले तो उसको सबक सिखा देना चाहिए।
बेटियों को लव जिहाद में नहीं फंसने और कड़ा प्रतिरोध करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि विधर्मी हमारी बेटियों को लव जिहाद के नाम पर फंसा रहे हैं। उन्होंने बेटियों से कहा, जो तुम्हारी और गलत दृष्टि डाले उसकी आंखें निकाल लो, बाकी मैं देख लूंगा। उन्होंने कहा कि अब ओम शांति, ओम शांति, ओम शांति का नहीं बल्कि ओम क्रांति, ओम क्रांति, ओम क्रांति का दौर है। उन्होंने कहा कि हिंदू बेटियां प्रण लें कि वे लव जिहाद में नहीं फंसेंगी, उन्होंने कहा, बेटियो रानी लक्ष्मी बाई जैसी बन जाओ, अपने साथ कटार भी रखो। उन्होंने लव की नई व्याख्या भी और कहा कि love का मतलब
Lake of tears
Ocean of sorrow
Vally of death
End of life है। इसलिए इसके चक्कर में न पड़ें।
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