व्यापारियों को मिल रहा ऑनलाइन गेटपास

थोक विक्रेताओं को अब नहीं लगाने पड़ेंगे मंडी अधिकारियों के चक्कर 
आगरा, 13 जून। मंडी परिषद के अधीन कार्य करने वाले थोक विक्रेताओं को अब गेट पास के लिए मंडी अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। शुल्क जमा करने के बाद उनके लिए ऑनलाइन गेट पास की व्यवस्था कर दी गई है। 
इसके अलावा देर रात या तड़के आने वाले माल को भेजने के लिए विभागीय इंस्पेक्टर या अन्य अधिकारी का इंतजार नहीं करना होगा। ऑनलाइन शुल्क जमा करने के बाद थोक विक्रेता खुद ऑनलाइन गेट पास निकाल सकेंगे। प्रक्रिया शुरू हुए सप्ताहभर हो चुका है, लेकिन अभी अधिकांश थोक विक्रेताओं को इसकी जानकारी नहीं है।
वर्तमान व्यवस्था में मंडियों में पहुंचने वाले माल पर मंडी शुल्क देना होता है। पहले प्रवेश पर्ची जारी होती है और इसके बाद शुल्क कटता है, जिसे व्यापारी महीने के अंत में एक मुश्त भी देते हैं। विभागीय भाषा में छह-आर कटती है। अगर कोई माल मंडी से बाहर जाता है तो उसके लिए नौ-आर कटती है। इसके बाद माल बाहर जाने के लिए गेट पास मंडी इंस्पेक्टर द्वारा बनाया जाता है। इसके लिए मंडी में गड़बड़ी होती थी। कुछ इंस्पेक्टर सुविधा शुल्क वसूल लेते थे, जिससे थोक विक्रेता पीड़ित रहते थे। छह-आर और नौ-आर तो पहले से ही ऑनलाइन कर दी गई है, लेकिन अब गेट पास भी ऑनलाइन शुल्क जमा होने के बाद स्वतः जारी हो रहा है।
उप निदेशक मंडी चंदन पटेल का कहना है कि मंडियों में डिजिटल व्यवस्था अपनाकर प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। ऑटो-गेट पास की व्यवस्था से व्यापारियों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। 

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