नानी बाई रो मायरो कथा का आरबीएस कॉलेज सभागार में हुआ शुभारंभ
आगरा, 21 दिसम्बर। श्री हरि सत्संग समिति के तत्वावधान में आरबीएस डिग्री कॉलेज के सभागार में नानी बाई रो मायरो : कथा नरसी भात का आयोजन रविवार से शुरू हो गया। व्यास पीठ से आचार्य गौर दास ने आध्यात्मिक और धार्मिक प्रसंगों को सुनाया। बीच-बीच में भक्ति संगीत की स्वर लहरियों से सभागार झंकृत होता रहा। शुरुआत भक्ति संगीत की स्वर लहरियों के साथ हुई।
व्यास पीठ से आचार्य गौरदास ने नरसी भगत की भक्ति की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान खुद उनके यहां भात पहनाने पहुंचे थे। उनके विषय में भक्त माल में भी कहा गया है-जगत विदित नरसी भगत...! उन्होंने कहा कि प्रभु की लीला तो नित्य है, जो कि किसी काल के बंधन में नहीं बंधी हुई है। पिछले जन्मों के कर्मों के बंधन के कारण वर्तमान है, और वर्तमान के कर्म बंधन से भविष्य तय होता है। यह शरीर तो बिल्कुल धर्मशाला समान है, एक दिन तो इसे खाली करना पड़ेगा सबको, इसलिए जब तक शरीर है, गोविंद को याद कर लीजिए।
इससे पूर्व कथा का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित करके मुख्य अतिथि प्रदेश लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश गर्ग और विशिष्ट अतिथि आरबीएस डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो.विजय श्रीवास्तव सहित श्री हरि सत्संग समिति और महिला समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। आचार्य गौरदास का माला पहनाकर स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में संयोजक संजय गोयल, अध्यक्ष शांतिस्वरूप गोयल सहित अनिल अग्रवाल, संजय बंसल, विवेक अग्रवाल, उमेश बंसल, राधा किशन गुप्ता, रमेश मित्तल, संजय मित्तल, प्रदीप गोयल, विजय गोयल, अरुण मित्तल, कल्याण प्रसाद मंगल, विष्णु दयाल बंसल, महिला समिति की अध्यक्ष अंशु अग्रवाल, मीनू त्यागी, मधु गोयल, सोनिया गर्ग आदि शामिल थे। कथा का समापन आरती के साथ किया गया।
संयोजक संजय गोयल ने बताया संस्था की शुरुआत वर्ष 1989 में हुई, जबकि वर्ष 1996 से विभिन्न कथाओं का आयोजन किया जा रहा है। इनके जरिए अर्जित धन को वनवासियों के कल्याण पर व्यव किया जा रहा है। देश में संस्था की कई शाखायें हैं। वनवासियों को भारतीय संस्कृति-संस्कारों के रंग में रंगने के काम में अतुलनीय सहयोग दिया जा रहा है।
आरबीएस कॉलेज के सभागार में आयोजित इस कथा का आयोजन 22 और 23 दिसंबर को भी दोपहर 2.30 बजे से 6.00 बजे तक होगा।
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