पर्दाफाश: होटलों में सेमिनार कर एक लाख के बदले सात लाख का देते थे लालच, कई राज्यों में सक्रिय गिरोह का प्रमुख सदस्य गिरफ्तार, छह फरार
आगरा, 12 दिसम्बर। साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी वेबसाइट और ईमेल आईडी बनाकर जिले के करीब 1500 निवेशकों को करोड़ों का चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों द्वारा होटल में सेमिनार कर निवेश पर एक लाख के बदले सात लाख रुपये देने का लालच दिया जाता था। दर्जनों पीड़ित महिलाएं साइबर थाने पहुंचीं थीं। एक महिला पीड़िता सुसाइड भी कर चुकी है।
पुलिस टीम ने इस मामले में अलीगढ़ निवासी अजय उर्फ टीपू को गिरफ्तार किया। उसके छह अन्य साथी अभी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। यह गिरोह मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत लोगों की चेन बनाकर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर कई सौ गुना लाभ मिलने का लालच देकर ठगी कर रहा था।
खबरों के अनुसार, पकड़े गए अजय उर्फ टीपू ने अपने साथियों के साथ मिलकर यूएस के एक क्रिप्टो कॉइन के नाम से नकली कॉइन बनाया और डोमेन पर आईडी बनाकर आठ हजार लेकर लोगों का खाता बनाया।
इसके बाद 25 पैसे के कॉइन का तीन साल में दस डालर तक दाम पहुंचने का लालच देकर निवेश कराया। ताजनगरी के ही करीब 1500 लोगों को शिकार बनाकर करोड़ों ठग लिए।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह लोगों को अपनी महंगी राजसी लाइफस्टाइल दिखा जाल में फंसाता था। इस चक्कर में जिले के करबना गांव की महिला ने आत्महत्या तक कर ली थी। जिसमें वर्ष 2024 में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
एडीसीपी सिटी आदित्य कुमार ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर फंसाते थे। कुछ लोगों को मुनाफा देकर बाकी लोगों का विश्वास जीता जाता था।
पुलिस पूछताछ में आरोपी अजय ने स्वीकार किया कि पिछले पांच वर्षों में अलग-अलग राज्यों में लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं और हजारों लोगों को निवेश के नाम से फंसाया था। गिरोह के फरार सदस्य नरेंद्र, शुभम, गोपाल, विनय, विनोद और सचिन की तलाश की जा रही है।
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