खुलासा: फर्जी टैक्स इनवॉइस, ई-वे बिल, बिल्टी के सहारे असम से दिल्ली भेजी जा रही थी 19 करोड़ की ड्राई सुपारी

आगरा, 20 दिसम्बर। राज्य कर विभाग की सचल दल तृतीय इकाई ने कर चोरी का बड़ा मामला उजागर किया है। इकाई द्वारा आगरा–लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर की गई एक नियमित वाहन जांच में जीएसटी चोरी के संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
खबरों के अनुसार, जांच के लिए रोके गए सुपारी से लदे ट्रक की जांच में सामने आया कि करीब 19 करोड़ रुपये मूल्य की ड्राई सुपारी को फर्जी टैक्स इनवॉइस, ई-वे बिल और बिल्टी के सहारे असम से दिल्ली भेजा जा रहा था। जांच के दौरान वाहन चालक साकिर खान ने कहा कि वह सुपारी की खेप असम से दिल्ली ले जा रहा है। चालक ने ट्रांसपोर्टर फर्म प्राइम लॉजिस्टिक, गुवाहाटी की बिल्टी प्रस्तुत की। साथ ही सप्लायर फर्म मैसर्स योंक ट्रेडर्स, गुवाहाटी द्वारा जारी दो टैक्स इनवॉइस और उनसे संबंधित ई-वे बिल भी दिखाए गए, जिनमें दिल्ली की फर्म मैसर्स सस्टेन रेबेल कंपनी को बायर और कन्साइनी दर्शाया गया था।
जांच में पाया गया कि जिस रिसीपिएंट फर्म मैसर्स सस्टेन रेबेल कंपनी के नाम माल दिखाया गया था, उसका जीएसटीआईएन पहले ही निलंबित किया जा चुका है। वहीं सप्लायर फर्म मैसर्स योंक ट्रेडर्स ने करोड़ों रुपये की सुपारी बिक्री दर्शाते हुए इनवॉइस तो जारी किए, लेकिन अपने जीएसटी रिटर्न में आज तक ड्राई सुपारी (HSN-080280) की कोई भी आउटवर्ड सप्लाई घोषित ही नहीं की थी। जांच में यह भी सामने आया कि विभिन्न वित्तीय वर्षों में इस फर्म द्वारा कई करोड़ रुपये मूल्य की सुपारी के बिल जारी किए गए, जबकि न तो वास्तविक खरीद और न ही बिक्री का कोई रिकॉर्ड रिटर्न में मौजूद है। फर्जी इनवॉइस के जरिए अवैध आईटीसी पास किया जा रहा था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच में यह खुलासा हुआ कि सप्लायर और रिसीपिएंट दोनों ही फर्में भौतिक रूप से अस्तित्वहीन हैं। संबंधित राज्यों की एडज्यूडिकेटिंग अथॉरिटी के माध्यम से कराई गई जांच में यह पुष्टि हुई कि जिन पतों पर इन फर्मों का पंजीकरण दर्शाया गया है, वहां किसी प्रकार का वास्तविक व्यापार नहीं हो रहा था। पूरा नेटवर्क फर्जी कंपनियों के जाल के जरिए संचालित किया जा रहा था। राज्य कर विभाग का आरोप है कि माल स्वामी, वाहन स्वामी और वाहन चालक की आपसी मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर माल का परिवहन किया जा रहा था, ताकि सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया जा सके। 
इस प्रकरण में वाहन चालक साकिर खान, वाहन स्वामी जाकिर खान, सप्लायर फर्म मै. योंक ट्रेडर्स और रिसीपिएंट फर्म मै. सस्टेन रेबेल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस और राज्य कर विभाग की टीमें संयुक्त रूप से विस्तृत जांच में जुटी हैं। 
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