पंद्रह साल से फरार पचास हजार का इनामी गिरफ्तार, तिहरे मर्डर में था वांछित
आगरा, 14 अक्टूबर। थाना सिकंदरा पुलिस ने पंद्रह साल से फरार चल रहे बामाश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पकड़ा गया बदमाश तिहरे हत्याकांड में वांछित था और पचास हजार रुपये का इनामी था।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने मंगलवार को मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त करीम को मुखबिर की सूचना पर सुनारी गांव के पास से गिरफ्तार किया गया। उस पर सुपारी लेकर दंपति और उनके दो साल के बच्चे की हत्या करने का आरोप है। इस तिहरे हत्याकांड में शामिल उसका एक साथी गुलशेर पहले ही पकड़ा जा चुका है। करीम उर्फ बूंदा पंद्रह साल से फरार चल रहा था। वह पुलिस ने छिपने के लिए पहचान छिपाकर किराए के मकान पर रहता था। एक इलाके में वो लंबे समय तक नहीं रहता था।
डीसीपी ने बताया कि सिकंदरा थाने में वर्ष 2010 में बेटे शानू, बहू आसमा और 2 साल की नाती की हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। इसमें पिता अनवर को मुख्य आरोपी बनाया गया था। अनवर ने बहू द्वारा दहेज का मुकदमा लिखवाने पर बहू-बेटे और नाती की हत्या की सुपारी दी थी। तीनों की हत्या के बाद शव को सेप्टिक टैंक में फेंक दिए गए थे। पुलिस ने आरोपी अनवर और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनको उम्र कैद की सजा हो गई। अनवर ने हत्या के लिए दो लोगों गुलशेर और करीम उर्फ बूंदा को सुपारी दी थी। पुलिस ने गुलशेर को वर्ष 2013 में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उसका साथ करीम फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी था।
पकड़े जाने के बाद करीम ने पुलिस को बताया कि वो पुलिस से छिपने के लिए अलग-अलग शहरों में पहचान छिपाकर किराए के मकान में रहता था। वह एक मकान में आठ से दस महीने तक ही रहता था, जब भी बाहर निकलता तो चेहरे को ढक कर रखता था। उसने अलीगढ़, हाथरस और आगरा में कई ठिकाने बदले। पुलिस ने बताया कि करीम अलीगढ़ में अक्सर एक चाय की दुकान पर जाता था। चाय पीते समय भी वह चेहरे से कपड़ा नहीं हटाता था। यहां से ही पुलिस को उसकी जानकारी मिली थी। सोमवार को वह सिकंदरा क्षेत्र के सुनारी गांव में आया हुआ था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
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