दामाद की हत्या में कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत को सात साल, बेटी और बेटे को आजीवन कारावास की सजा
आगरा, 15 अक्टूबर। एक चर्चित हत्याकांड अपर जनपद न्यायाधीश ने कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत को सात साल की और उनकी बेटी और बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
उनपर ताजगंज क्षेत्र की रामरघु एग्जॉटिका काॅलोनी में 12 अक्तूबर 2023 को दामाद बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की गला दबाकर हत्या का आरोप है।
अदालत ने ससुर बिजेंद्र रावत, साले कृष्णा रावत और पत्नी प्रियंका उर्फ मोना को दोषी करार दिया। एडीजे-17 नितिन ठाकुर की अदालत में बुधवार को यह सजा पर सुनाई गई।
खबरों के अनुसार, थाना मंसुखपुरा के टीकतपुरा निवासी सचिन उपाध्याय की शादी फरवरी 2015 में बालूगंज निवासी बिजेंद्र रावत की बेटी प्रियंका उर्फ मोना के साथ हुई थी। सचिन गुजरात में बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में मैनेजर थे। मृतक के पिता केशव देव शर्मा ने 18 अक्तूबर 2023 को थाना ताजगंज में केस दर्ज कराया था। बताया था कि सचिन से प्रियंका झगड़ा करती थी। इसके कारण बेटा गुजरात से वापस आ गया।
उसकी तैनाती शमसाबाद स्थित बैंक की शाखा में हो गई। वर्ष 2020 में दोनों शमसाबाद मार्ग स्थित रामरघु एग्जॉटिका में रहने लगे थे। सचिन ने सितंबर में भाई गौरव के नाम से पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया तो बहू ने सचिन से झगड़ा किया। 11 अक्तूबर को सचिन घर आया था। उसने सारी बातें बताई थीं। रात 10 बजे बेटे के साले कृष्णा रावत ने फोन करके सचिन और प्रियंका के बीच झगड़े की जानकारी दी। उन्होंने फोन मिलाया तो स्विच ऑफ था। 12 अक्तूबर की शाम बेटे के ससुर बिजेंद्र रावत ने उन्हें फोन कर सचिन के मौत की जानकारी दी। वह मौके पर पहुंचे तो देखा कि बेटे के शरीर पर चोट के निशान थे।
उन्होंने सचिन की हत्या का आरोप बहू प्रियंका, उसके पिता बिजेंद्र रावत, भाई कृष्णा रावत और एक अज्ञात पर लगाया था। केस में दोषी मृतक का साला कृष्णा रावत जेल में था। पत्नी और ससुर जमानत पर चल रहे थे। तत्कालीन डीसीपी सिटी ने डॉक्टरों के पैनल से सचिन के शव का पोस्टमार्टम कराया था जिसकी वीडियाेग्राफी भी हुई थी। रिपोर्ट में गला घुटने से मौत की बात सामने आई थी। शरीर पर चोट के छह निशान मिले थे जो हल्के जले थे। इस मामले में जनवरी 2024 में आरोपपत्र दाखिल किया गया था। इसमें बिजेंद्र रावत को आपराधिक षड्यंत्र (धारा 201) का आरोपी बनाया था, जबकि बेटी प्रियंका और बेटे कृष्णा को हत्या और साक्ष्य मिटाने (302, 201) का आरोपी बनाया था। हत्या के पीछे पत्नी का झगड़ा दर्शाया गया था। 25 से अधिक गवाहों के साथ इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्य भी जुटाए गए थे।
सचिन के पिता केशव देव शर्मा सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। पुलिस विवेचना के मुताबिक, हत्या की वजह कलह बनी थी। पत्नी को पति का परिजन से मिलना पसंद नहीं था। पिता का कहना है कि बेटे की 11 अक्तूबर को हत्या कर दी गई थी। अगले दिन उन्हें सूचना दी गई।
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