शाहजहाँ पार्क खतरे में! रिवर कनेक्ट कैंपेन ने मंडलायुक्त को सौंपा ज्ञापन

आगरा, 23 सितम्बर। ताजमहल और आगरा किले के बीच स्थित 90 एकड़ का ऐतिहासिक शाहजहाँ पार्क गंभीर संकट से जूझ रहा है। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा “संस्कृति वन” नामक परियोजना के तहत इस हरे-भरे क्षेत्र में कंक्रीट संरचनाएँ, कियोस्क और पक्के रास्ते बनाए जा रहे हैं। यह कार्य सुप्रीम कोर्ट और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन है, जिसके तहत ताजमहल के 500 मीटर दायरे में किसी भी प्रकार का नया निर्माण प्रतिबंधित है।
रिवर कनेक्ट कैंपेन के प्रतिनिधिमंडल ने मंडलायुक्त एवं ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन प्राधिकरण के चेयरमैन को ज्ञापन सौंपकर इस निर्माण को तत्काल रोकने की मांग की है। दावा किया गया है कि ज्ञापन सौंपने के बाद फ़िलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है।
कैंपेन की ओर से डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि शाहजहाँ पार्क ताजमहल और किले के बीच पर्यावरणीय ढाल (ग्रीन बफर) का काम करता है। यह इलाका न केवल ताज की दृश्यात्मक अखंडता की रक्षा करता है बल्कि आगरा की जैव विविधता का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। इस पर कंक्रीट थोपना सीधा-सीधा गैरकानूनी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना है।
कैंपेन के संयोजक बृज खंडेलवाल ने कहा कि यह पार्क ताजमहल का प्राकृतिक कवच है। सौ साल पुराने पेड़ों की छाँव, दुर्लभ प्रजातियों का बसेरा और हरियाली को नष्ट कर पर्यटन के नाम पर ठेकेदारों के हाथों सौंपना आगरा की साँसें छीनने जैसा है। पहले मेट्रो परियोजना ने पार्क का बड़ा हिस्सा बर्बाद किया, अब बचे हुए क्षेत्र को भी लालच की भेंट चढ़ाया जा रहा है।
पार्क की महत्ता
शाहजहाँ पार्क आगरा का एकमात्र बड़ा हरा-भरा क्षेत्र है। यहाँ सैकड़ों प्राचीन वृक्ष हैं—कुछ ब्रिटिश काल के, कुछ बाद में बागवानी विभाग द्वारा लगाए गए और कई 50 से 100 वर्ष पुराने पेड़ जो शहर को ऑक्सीजन और पारिस्थितिक संतुलन प्रदान करते हैं। यह क्षेत्र पक्षियों, तितलियों और परागणकों का सुरक्षित आवास रहा है।
पार्क ताजमहल के लिए एक प्राकृतिक फिल्टर की भूमिका निभाता है, जो धूल, प्रदूषण और शोर को कम करता है। यह “ग्रीन बफर” ताज की सुंदरता और पर्यावरणीय सुरक्षा दोनों के लिए अनिवार्य है।
कैंपेन ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले मेट्रो परियोजना ने पार्क का बड़ा हिस्सा उजाड़ दिया था। वहाँ आज एक बंजर पार्किंग लॉट है, जहाँ कभी पेड़ों की छाँव और हरियाली थी। पेड़ काटे गए और दूसरी जगह लगाने का दावा किया गया, लेकिन अधिकांश पौधे सूखकर मर गए।
ज्ञापन में मांग की गई कि शाहजहाँ पार्क में किसी भी नए निर्माण से पहले वैध अनापत्ति प्रमाणपत्र और उच्चस्तरीय अनुमति अनिवार्य की जाए। चल रहे सभी कार्यों की स्वतंत्र जाँच कराई जाए। कंक्रीट निर्माण और पेड़ काटने पर तुरंत रोक लगाई जाए। ताजमहल और किले के बीच के इस ऐतिहासिक पार्क को एक ग्रीन ज़ोन घोषित किया जाए और इसे स्थायी सुरक्षा प्रदान की जाए।
रिवर कनेक्ट कैंपेन के एक्टिविस्ट जगन प्रसाद तेहरिया ने भी पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर हरियाली के कातिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। इसके बाद ताजगंज पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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