डीएम बोले-महालक्ष्मी मंदिर हादसे में किसी के लापता होने की सूचना नहीं, चार-पांच लोगों को चोटें, यमुना में गोताखोर उतारे गए, विधायक और महापौर भी पहुंचे
आगरा, 08 सितम्बर। जिला प्रशासन द्वारा बल्केश्वर कालोनी में नदी किनारे स्थित महालक्ष्मी मंदिर हादसे में किसी के लापता होने की संभावना से इनकार किया जा रहा है, हालांकि किसी आशंका का पता लगाने के लिए जिला प्रशासन ने राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की टीम और गोताखोरों को नदी में उतार दिया। हादसे के कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने कहा कि मंदिर की नदी किनारे की रेलिंग लगी एक दीवार अचानक ढह गई, जिससे चार-पांच लोगों को मामूली चोटें आई। उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों के नदी में गिरने की शहर में तेजी से फैली चर्चाओं को गलत बताया और कहा कि किसी भी व्यक्ति के मिसिंग होने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही निकट ही कैंप कर रहे सुरक्षाकर्मी पहुंच गए, बल्केश्वर कालोनी में ही मौजूद विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी तुरंत मौके पर पहुंच गए। महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह भी सूचना मिलने पर महालक्ष्मी मंदिर पहुंच गईं।
जिलाधिकारी ने कहा कि हादसे के बाद तीन लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी। वे तीनों मिल गए हैं, एहतियातन एसडीआरएफ से सर्च ऑपरेशन चलवाया जा रहा है। यमुना नदी में गोताखोर तलाशी अभियान चला रहे हैं। अभी तक किसी के डूबने की जानकारी नहीं है।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह लोगों के परिजनों को ढांढस बंधाया और सरकार व प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। महापौर ने आमजन से संयम रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है। आमजन किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें और आधिकारिक सूचना पर ही ध्यान दें। महापौर ने मौके पर मौजूद नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल से कहा कि निगम की टीम द्वारा हताहतों की हर संभव मदद की जाए।
खबरों के मुताबिक, हादसा करीब सायं सात बजे का बताया जा रहा है। शाम को पुजारी रमाकांत पांडेय आरती कर रहे थे। परिसर में रहने वाले चाैकीदार रवि की मां गुड्डी देवी टिनशेड के पास बैठी हुई थीं। कुछ लोग मंदिर की रेलिंग लगी दीवार के सहारे खड़े होकर यमुना में बाढ़ को देख रहे थे। तभी यह दीवार गिर गई। दीवार के साथ छत का करीब तीन फीट हिस्सा भी गिर गया। कहा जा रहा है कि इसके चलते दीवार के सहारे खड़े लोग छत से 15 फीट नीचे यमुना नदी की ओर गिरे। हादसे के बाद मौके पर भगदड़ मच गई। कुछ लोग चोटिल हालत में भागते दिखे। भगदड़ देख पुलिस के जवान दौड़कर मदद करने आ गए। लोगों के साथ मिलकर पुलिस ने दीवार के नीचे दबे आधा दर्जन लोगों को बाहर निकाला। उन्हें हॉस्पिटल भेजा गया।
घटना के एक चश्मदीद कहा, "मैं मंदिर में शाम साढ़े छह बजे दर्शन करने जा रहा था। जब गेट पर पहुंचा, तो लोगों को बाहर की ओर भागते देख। पूछने पर पता चला कि हादसा हो गया है। यह सुनकर मैं मंदिर में अंदर की तरफ दौड़ा। जब मैं मंदिर परिसर में पहुंचा तो तीन लोग खून से लथपथ बाहर की ओर भाग रहे थे। किसी के सिर पर चोट थी, किसी के हाथ से खून बह रहा था। मैंने उनसे भी पूछा कि क्या हुआ? उन लोगों ने बताया कि मंदिर की दीवार गिर गई है। लोग यमुना में गिर गए हैं। कुछ लोग बाहर निकल आए हैं। हादसे के समय मंदिर में करीब 40 लोग मौजूद थे।"
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