फिरोजाबाद का महेंद्र धर्म बदलकर बन गया अब्दुल रहमान, गिरोह का सरगना बनकर सैकड़ों हिंदू युवतियों का धर्मांतरण कराया, आगरा पुलिस ने दिल्ली से की गिरफ्तारी, हरियाणा की युवती भी मिली

आगरा, 21 जुलाई। जिले में सगी बहनों के धर्मांतरण मामले में खोजबीन में लगी पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को देश की राजधानी दिल्ली से धर दबोचा। दिल्ली के मुस्तफाबाद में उसके ठिकाने से रोहतक हरियाणा की युवती भी मिली। उसका पूर्व नाम महेंद्र पाल बताया गया है, करीब 35 साल पहले वह महेंद्र पाल से अब्दुल रहमान बन गया था। अपने साथी कलीम सिद्दीकि को उम्रकैद मिलने के बाद उसने गिरोह की बागडोर संभाली रखी थी।
आगरा पुलिस ने दो दिन पहले ही भारत में धर्मांतरण के लिए छह देशों से होने वाली फंडिंग और कई राज्यों तक फैले इस नेटवर्क से पर्दा उठाया था। इसमें एक लड़की समेत दस लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। ताजनगरी में रहने वाली दो सगी बहनें भी इस गिरोह के चंगुल से आजाद कराईं थीं। पुलिस गैंग के मास्टरमाइंड को तलाश कर रही थी, आखिरकार दिल्ली से अब्दुल रहमान को पकड़ने में कामयाबी मिली।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के मुताबिक मूल रूप से फिरोजाबाद का रहने वाला महेंद्र पाल सिंह धर्मांतरण कर वर्ष 1990 में अब्दुल रहमान बन गया। वह मूल रूप से फिरोजाबाद के रजावली ग्राम का निवासी है। अब्दुल के एक खास साथी कलीम सिद्दीकी को एटीएस द्वारा 2021 में गिरफ्तार किया गया था। जिसे तीन साल बाद कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी। कलीम को सजा मिलने के बाद गिरोह की बागडोर रहमान ने संभाली। उसे उसकी दुनिया के लोग रहमान चचा कहकर संबोधित करते थे।
अब्दुल के दिल्ली स्थित ठिकाने से रोहतक (हरियाणा) की एक लड़की को भी छुड़ाया गया। उस लड़की का भी धर्मांतरण होना था। इसके बारे में पता किया गया तो रोहतक में गुमशुदगी दर्ज मिली। अब्दुल के घर से कई किताबें मिली हैं जो धर्मांतरण के मकसद से ब्रेनवॉश का काम करती थी। इसमें कई किताबों पर अब्दुल रहमान और उसके साथी कलीम के नाम लेखक के रूप में दर्ज हैं। इन किताबों के शीर्षक ईश्वर और सृष्टि श्रेष्ठ कौन, धर्म परिवर्तन, रिटर्निंग योर ट्रस्ट, आतंकवाद और इस्लाम और आपकी अमानत आपकी सेवा में मुख पृष्ठ पर लिखे मिले। अब्दुल की पत्नी व दो बहुएं भी धर्मांतरण के बाद मुस्लिम बनीं हैं। उसका भतीजा लंदन में रहकर फंडिंग को री-रूट करता था। कमिश्नर ने बताया कि जांच एजेंसी एटीएस से मिलकर सारे इनपुट साझा कर आगे की कार्रवाई होगी।
इस मामले में गोवा गिरफ्तार हुई आयशा से पूछताछ में अब्दुल रहमान का नाम सामने आने पर पुलिस ने गिरफ्तारी की। आयशा अब्दुल के निर्देश पर ही विदेशी फंडिंग से रकम ट्रांसफर करती थी। 
अवैध धर्मांतरण गिरोह का नेटवर्क छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बंगाल, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली और गोआ में फैला हुआ है। संगठित गिरोह के हर सदस्य को किरदार दे रखे थे। कोई धर्मांतरण के लिए ब्रेन वाश करता था तो कोई फंडिंग का प्रबंधन कर रहा था। इनके लिए कनाडा, अमेरिका, लंदन और दुबई से फंडिंग होती थी। कुछ ठहराने की व्यवस्था करते थे तो कुछ सिम और मोबाइल आदि की व्यवस्था करते थे। इस गिरोह ने सैकड़ों हिंदू युवतियों का धर्मांतरण कराया है। इनमें से कई का तो निकाह कराकर विदेश भी भेजा है।
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