आगरा कालेज के प्राचार्य ने मेट्रो रेल कार्पोरेशन के खिलाफ मोर्चा खोला, अधिग्रहीत भूमि को कॉलेज की न कहने पर आक्रोश, कानूनी कार्यवाही और आंदोलन छेड़ने की चेतावनी

आगरा, 07 मई। आगरा कालेज के प्राचार्य प्रो. चित्र कुमार गौतम ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता आयोजित कर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कॉलेज के स्वामित्व के एमजी रोड स्थित क्रीड़ांगन परिसर एवं भगत सिंह छात्रावास परिसर की भूमि का आगरा मेट्रो परियोजना के लिए अधिग्रहण किया गया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण में अनियमितता बरती गई और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। 
उन्होंने कहा कि इस दो सौ वर्ष प्राचीन संस्थान, जिसका निर्माण अनेक सहयोग कर्ताओं एवं दानदाताओं की पवित्र भावना से दी गयी भूमि पर शैक्षणिक उद्‌देश्यों की पूर्ति के लिये हुआ इसकी एक एक इन्च भूमि कॉलेज की धरोहर है। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा जिस भूमि पर वर्तमान में निर्माण कराया जा रहा है उसके द्वारा प्रेषित किसी भी पत्र अथवा दस्तावेज में मेट्रो परियोजना अधिकारियों ने कभी भी वास्तविक खसरा नम्बर एवं रकबा का उल्लेख नहीं किया। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा अवैध रूप से अधिगृहित दो स्थानों पर/दो खसरा संख्या पर निर्माण की कोशिश की जा रही है जिसकी संख्या उनके अभिलेखों में खसरा संख्या 255 का आंशिक भाग एवं 286 (क) दिखाया गया है। परन्तु दस्तावेजों के विधिक परीक्षण एवं वर्तमान गूगल लोकेशन के अनुसार यह खसरा संख्या आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि है जिसका वास्तविक खसरा संख्या है 255 जिसका कुल रकबा 70278 वर्ग गज है। 
उन्होंने कहा कि मेट्रो अधिकारियों द्वारा आगरा कॉलेज के क्रीड़ांगन की भूमि को जो दो सौ वर्षों से (1823) आगरा कॉलेज के पूर्ण स्वामित्व एवं दाखिल कब्जे में हॉकी मैदान के रूप में दर्ज है, को आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि न बताकर इसका बलात अधिग्रहण किया है। यह पूर्णतः अनुचित एवं अवैध है क्योंकि (1) वर्ष 1901 में आगरा कॉलेज के बोर्ड ऑफ ट्रस्ट का गठन कर आगरा कॉलेज की समस्त सम्पत्ति (भवन, जमीन, कॉलेज, आवास, कीडांगन, छात्रावास आदि) सम्बंधित ट्रस्ट को सरकार द्वारा प्रदान कर दिया गया जिससे कि उक्त तिथि के पश्चात् आगरा कॉलेज की अभिरक्षा में समस्त चल अचल सम्पत्तियों का स्वामित्व बोर्ड ऑफ ट्रस्ट आगरा कॉलेज के पास आ गया था। 
प्रो गौतम ने इसी प्रकार अन्य अभिलेखों का उल्लेख करते हुए कहा कि मेट्रो कार्पोरेशन पर बिना किसी दस्तावेजी सबूत के हॉस्टल आदि की भूमि को भी कालेज की संपत्ति नहीं बताया जा रहा है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा यदि उक्त तथ्यों में सुधार नहीं किया तो आगरा कॉलेज प्रशासन अगली विधिक कार्यवाही हेतु बाध्य होगा। इस अवैध निर्माण से आगरा कॉलेज के लाखों दानदाताओं, छात्रों/पूर्व छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों  में भारी रोष है तथा वे इस प्रकरण पर आंदोलित हैं। 
प्रेस वार्ता में उपप्राचार्य प्रोफेसर पी बी झा, प्रो भूपाल सिंह, प्रो केपी तिवारी, पंकज सक्सेना, प्रो भूपेंद्र कुमार चिकारा, डॉ शशिकांत पांडे, डॉ गौरव कौशिक, डॉ अविनाश जैन, डॉ विकास सिंह, डॉ धर्मवीर सिंह यादव, डॉ रंजीत सिंह, डॉ आशीष तेजस्वी आदि शिक्षक उपस्थित थे।
प्राचार्य आवास की बाउंड्री वॉल का मुद्दा भी उठाया 
प्रो गौतम ने प्राचार्य आवास के पीछे की तरफ की बाउण्ड्रीवाल के निर्माण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्राचार्य डॉ मुख्तार सिंह ने सत्र 1997-98 में इस बाउंड्री वॉल को लगवाने का प्रयास किया था, किन्ही कारणों से पूरा नही हो पाया था। बाउण्ड्रीवाल पूरी न होने के कारण कॉलेज की जमीन पर लगातार कब्जा करने की कोशिश हो रही है। तमाम असामाजिक और गैर राष्ट्रीय लोग इस जमीन पर अपना कब्जा बनाये हुये हैं और गैर सामाजिक व गैर राष्ट्रीय गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इसकी बाउण्ड्रीवाल बनाना अति आवश्यक है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराने के लिये शान्ति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग का अनुरोध किया।
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