कहीं बढ़ न जाएं सपा नेत्री जूही प्रकाश की मुश्किलें! मेयर पद की प्रत्याशी रही जूही और उनके पति योगेंद्र के एक-दूसरे पर गंभीर आरोप, पुलिस जांच में जुटी कौन है असली अपराधी?
आगरा, 22 सितंबर। सपा नेत्री जूही प्रकाश और उनके पति योगेंद्र सिंह के बीच विवाद थाने तक पहुंच गया है। पहले पति योगेंद्र ने जूही पर मारपीट, उत्पीड़न और ब्लैक मेल करने का आरोप लगाया, इसके जवाब में जूही प्रकाश ने भी इसी तरह के गंभीर आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन गिरफ्तारी से पहले सच और झूठ का फैसला होना बाकी है। जूही पहले महापौर पद की प्रत्याशी रह चुकी हैं, जबकि उनके पति योगेंद्र सिंह एक कारोबारी हैं और पेट्रोल पंप के मालिक हैं।
योगेंद्र सिंह ने जगदीशपुरा थाने में जूही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अब जूही ने भी पुलिस से निष्पक्ष न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही सच सामने आएगा और थाना पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है।
योगेंद्र सिंह ने डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय को प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि जूही से उनकी पहचान सोशल मीडिया पर हुई। बाद में दोस्ती के चलते जूही ने उन्हें बातों में फंसा लिया और फिर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि जूही ने आर्य समाज मंदिर में उनसे शादी की और पेट्रोल पंप अपने नाम करने की मांग की। जब ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने घर में अराजकता फैला दी और योगेंद्र को कांच की बोतल से मारा, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
जवाब में, जूही प्रकाश ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि योगेंद्र ने पहले उनका शारीरिक शोषण किया और बाद में शादी करने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि योगेंद्र के लैपटॉप में कई महिलाओं के साथ अश्लील वीडियो हैं और वह उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। जूही ने शाहगंज पुलिस से भी शिकायत की थी कि योगेंद्र ने उसके मारपीट की, जबकि वह खुद कांच पर गिर गया था।
जगदीशपुरा इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही का कहना है कि पुलिस की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कौन सच्चा है और कौन झूठा। जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, योगेंद्र ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2023 में जब जूही आगरा निगम मेयर का चुनाव लड़ रही थीं, तब उन्होंने योगेंद्र से 50 लाख रुपये की मांग की थी। जूही ने योगेंद्र को धमकाया था कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन पर रेप का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया जाएगा और उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। डर के मारे योगेंद्र ने अपने परिवार और दोस्तों से पैसे जुटाए और जूही को 35 लाख रुपये दे दिए। लेकिन जूही की धमकियां जारी रहीं, जिससे योगेंद्र मानसिक रूप से टूट गए और डिप्रेशन में चले गए। उनके परिवार वालों ने उन्हें डिप्रेशन से उबारने के लिए उन्हें एक पेट्रोल पंप खरीद कर दिया।
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