कहीं आप कैमिकल वाले फल-सब्जियां तो नहीं खा रहे? || एफएसडीए करा रहा 41 सैंपलों की जांच

आगरा, 19 जून। जिले में फल-सब्जियों को जल्दी पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। पेस्टीसाइड स्टैंडर्ड से ज्यादा लगाया जा रहा है। पेस्टीसाइड के इंजेक्शन भी दिए जा रहे हैं। फलों को रसीला दिखाने के लिए चाशनी के इंजेक्शन दिए जाते हैं। रंग भी इंजेक्शन से भरे जाते हैं, जिससे फल या सब्जी ताजे दिखें।
इसी तरह की शिकायतें मिलने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग (एफएसडीए) ने फल-सब्जियों के 41 सैंपल लिए हैं। लैब में अगर सैंपल फेल होते हैं, तब इन सब्जियों को बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। जिन फल-सब्जियों के सैंपल लैब में भेजे गए हैं, उनमें लौकी, परवल, टमाटर, बैंगन, सेब, टिंडा, खीरा, करेला, तरबूज, आम, पत्ता गोभी, आलूबुखारा आदि शामिल हैं।
बता दें कि फल-सब्जी में केमिकल के इस्तेमाल से लेड की मात्रा बढ़ जाती है। अगर शरीर के खून में 80 माइक्रोग्राम या उससे ज्यादा लेड हो तो उससे बेचैनी और दौरे की समस्या उत्पन्न होती है। इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। यह किडनी और ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। गर्भावस्था के दौरान अगर महिला के शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो, यह गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
कुछ बातों का ध्यान रखकर कैमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। जैसे फलों और सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह से धो लें। फल या सब्जी को काटने के बाद थोड़ी देर पानी में छोड़ दें। नमक, हल्दी, बेकिंग सोड़ा, पोटेशियम परमैग्नेट (लाल दवा), सिरका या गुनगुने पानी की मदद से फल-सब्जी को अच्छे से साफ करें। पानी में चार-पांच चम्मच हल्दी डालकर उसमें फल या सब्जी डालकर पांच से 10 मिनट के लिए रख दें और फिर साफ पानी से धो लें। नमक के पानी में भी फल सब्जियों को रखा जा सकता है।
एफएसडीए के अभिहित अधिकारी अमित कुमार ने कहा- लोगों की शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोग फलों और सब्जियों में केमिकल या फिर कीटनाशक का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। शहर के अलग-अलग बाजारों में 41 ठेलों से फल-सब्जी के सैंपल लिए गए हैं। अगर इन सैंपल में केमिकल या पेस्टीसाइड मिले तो कार्रवाई की जाएगी।
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