बड़ा खुलासा: जगदीशपुरा जमीन कांड में शिकायतकर्ता ही निकले दोषी, पुलिस ने महिला समेत छह को जेल भेजा
आगरा, 09 अप्रैल। शहर के बहुचर्चित जगदीशपुरा जमीन कांड की एसआईटी जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने अभी तक पीड़ित बनकर सामने आने वाले छह लोगों को ही दोषी मानते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जांच में पता चला कि जमीन हड़पने के लिए पीड़ित ने ही फर्जी कागज तैयार कर साजिश रची थी।
विगत फरवरी माह में जगदीशपुरा के बैनारा फैक्ट्री के पास दस हजार वर्ग गज जमीन कब्जाने के लिए साजिश रची गई थी। फैक्ट्री में रह रहे रवि कुशवाह और उसके परिजनों को दो फर्जी मुकदमे में जेल भेज कर जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इस मामले में फैक्ट्री की मालिकन बताते हुए उमा देवी ने जगदीशपुरा के तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी उनके बेटे धीरू चौधरी सहित 18 को नामजद किया था।
इसमें एसओ जितेंद्र कुमार सहित तीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बिल्डर कमल चौधरी को हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी।
इस मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और भारतीय जनता पार्टी के ही सांसद राजकुमार चाहर के बीच प्रत्यक्ष और परोक्ष आरोप सामने आये थे। हाईप्रोफाइल मामले में पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह का तबादला हो गया था। उपाध्याय और चाहर को प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखना पड़ा था।
मगर, इस मामले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ। डीसीपी सूरज राय ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया था कि दस हजार वर्ग गज जमीन टहल सिंह की थी। उमा देवी ने सदर तहसील में टहल सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाते हुए दावा किया था कि वे उनके ससुर हैं। उनके पति जसवीर की भी मौत हो चुकी है, जबकि टहल सिंह जिंदा हैं। वे लुधियाना पंजाब में रह रहे थे। पिछले दिनों टहल सिंह ने आगरा आकर अपने बयान दर्ज कराए। इसके बाद मामला ही बदल गया। टहल सिंह ने अपने बयान में कहा कि वह जिंदा हैं और बोदला मार्ग पर बैनारा फैक्ट्री के पास उनकी जमीन है। उन्होंने यह भी कहा कि वे उमा देवी को नहीं जानते हैं। जसवीर सिंह उनका पुत्र नहीं, बल्कि साला था।
इस मामले में टहल सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर खुद को वारिस बताने पर पुलिस ने मंगलवार को उमा देवी को गिरफ्तार कर लिया। उमा देवी को पुलिस ने जेल भेज दिया। उमा देवी आगरा के कालिंदी विहार में रहती थी। उसे इस साजिश में मोहित कुशवाह ने शामिल किया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराने वाली उमा देवी के साथ ही मोहित कुशवाह, शंकरिया कुशवाह, रवि कुशवाह, धर्मेंद्र और राजू को जेल भेजा है।
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