घातक पोटेशियम साइनाइड ने ली दोनों चांदी कारीगरों की जान! आठ फुट का कमरा बन गया गैस चैंबर

आगरा, 21 फरवरी। नमक की मंडी में विगत रात्रि चांदी पालिश के प्लांट में जान गंवाने वाले दो कारीगरों के लिए घातक कैमिकल का इस्तेमाल जानलेवा साबित हुआ। 
हादसे के बाद पुलिस को प्लांट में कैमिकल से भरी कट्टियां मिलीं। मार्केट के दुकानदारों ने पुलिस को बताया कि चांदी की चमक बढ़ाने के लिए प्लांट संचालक पोटेशियम साइनाइड का प्रयोग करते हैं। हादसे के पीछे इसी कैमिकल को माना जा रहा है।पोटेशियम साइनाइड घातक होता है। इसका इस्तेमाल कैसे किया जा रहा था? इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
तंग गलियों में चांदी पॉलिश के दर्जनों प्लांट हैं। जिस प्लांट में हादसा हुआ, वह आठ फुट के कमरे में बना हुआ है। इसमें सिर्फ एक खिड़की है, उसमें एग्जॉस्ट फैन लगा हुआ है। इसके अलावा गैस बाहर निकलने का कोई इंतजाम नहीं था। जिस समय पुलिस पहुंची एग्जॉस्ट फैन बंद था। पुलिस के अनुसार, मृतकों के मुंह और नाक सफेद पड़े हुए थे। ऐसा लग रहा था कि सांस के साथ कैमिकल भी अधिक मात्रा में चला गया।
प्लांट में एक वाईब्रेटर रखा था। कैमिकल भी रखा हुआ मिला।
मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि चांदी पॉलिश के लिए कई कैमिकल प्रयोग किए जाते हैं। इनमें पोटेशियम साइनाइड का प्रयोग अधिक होता है। इसके अलावा चांदी साफ करने के लिए एसिटिक एसिड और डिस्टिल वाटर का प्रयोग भी होता है।
प्लांट में कैमिकल का प्रयोग होता है। शोरा, गंधक और सायनाइड का मिश्रण करके चांदी को साफ किया जाता है। कारीगरों की भाषा में इस प्लांट को "उजाल" कहा जाता है। 
पता चला है कि कारीगर वाईब्रेटर में कैमिकल मिला रहे थे। तभी कैमिकल फैल गया। यह नाली से बाहर निकलने के बजाय फर्श पर दुकान के अंदर रखे अन्य कैमिकल से मिल गया। कैमिकल रिएक्शन से गैस बन गई। इससे कारीगर दम घुटने की वजह से गिर पड़े। उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला। संचालक का पुत्र भी आया, वह भी गिर पड़ा। जानकारी होते ही प्लांट संचालक मुरारीलाल पहुंचे। वह बेटे को उठाकर ले गए। उन्होंने फोन कर लोगों को मदद के लिए बुलाया, लेकिन गैस की वजह से आसपास के दुकानदार कारीगरों के पास जाने की हिम्मत नहीं कर सके। 
सीसीटीवी फुटेज सामने आया 
इस हादसे के बाद का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें दोनों कारीगर बरौली अहीर निवासी रवि (38) और सेवला निवासी आकाश (42) बरामदे में अचेतावस्था में पड़े दिख रहे हैं। प्लांट संचालक व अन्य लोग उनको उठाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग आते हैं, लेकिन कैमिकल की दुर्गंध के चलते वापस चले जाते हैं। तीन लोग कारीगरों को उठाने का प्रयास करते हैं। उनको होश में लाने के लिए चेहरे पर पानी डालते हैं, लेकिन कोई प्रतिक्रिया होती नहीं दिखती है।
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