मां-बाप के त्याग से आगरा के ध्रुव जुरैल ने पाई भारतीय क्रिकेट टीम में जगह

आगरा, 13 जनवरी। इंग्लैंड के खिलाफ 25 जनवरी से शुरू होने जा रही टेस्ट श्रृंखला के पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम के सोलह खिलाड़ियों में स्थान बनाने वाले ध्रुव जुरैल इससे पहले इंडिया ए और आईपीएल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।
आगरा के ध्रुव जुरैल की भारतीय क्रिकेट टीम में तीसरे विकेटकीपर के रूप में एंट्री हुई है। ध्रुव विकेटकीपर होने के साथ-साथ उम्दा बल्लेबाज भी हैं। 
खंदौली में 21 जनवरी, 2001 को जन्मे ध्रुव जुरैल के क्रिकेटर बनने में उनके माता-पिता ने बहुत साथ दिया। ध्रुव के पिता नेम सिंह आर्मी से रिटायर हैं। मां रजनी हाउस वाइफ हैं। ध्रुव की बड़ी बहन रजनी की शादी हो चुकी है। पिता नेम सिंह जुरैल एक समय चाहते थे कि बेटा भी उनकी तरह फौज में जाए। सेना का अधिकारी बने और देश सेवा करें। लेकिन, ध्रुव ने क्रिकेट को चुना। उन्होंने बेटे का साथ दिया। 
ध्रुव जब 14 साल का था तो उसने अपने पिता से कश्मीरी विलो बैट खरीदने के लिए कहा था। तब यह बल्ला पंद्रह सौ से दो हजार रुपये का आता था। पिता ने यह खरीदकर दिया। जब पूरे किट बैग की बात थी तो फिर यह बहुत ज्यादा महंगा था। ध्रुव ने खुद को बाथरूम में लॉक कर लिया और धमकी दी कि अगर क्रिकेट किट नहीं लाए तो भाग जाऊंगा। इस बात ने मां को भावुक कर दिया। उन्होंने पिता को अपनी सोने की चेन दी और कहा कि इसे बेचकर किट ले आओ। किट पाकर ध्रुव बहुत खुश हुए थे। मां के त्याग की कहानी यहीं खत्म नहीं होती है। जब जुरैल क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए आगरा से नोएडा आते-जाते थे तो उनके ट्रेवल में ज्यादा वक्त लगने के कारण मां ने उन्हें नोएडा शिफ्ट होने की सलाह दी। अपने बेटे के लिए वह भी कुछ समय तक नोएडा में ही रहीं।
ध्रुव ने शुरुआती पढ़ाई आर्मी स्कूल से की। पढ़ाई के दौरान ही वह क्रिकेट खेलने लगा था। कोच प्रमेंद्र यादव ने ही ध्रुव को अपनी एकेडमी में ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। कोच प्रमेंद्र कहते हैं कि पहले ध्रुव केवल बल्लेबाजी करना चाहता था। मगर, उन्होंने देखा कि वह फील्डिंग बहुत अच्छी करता है। ऐसे में उन्होंने ध्रुव को विकेट कीपिंग के लिए तैयार करना शुरू किया। शुरुआत में ध्रुव की कीपिंग में ज्यादा रुचि नहीं थी। मगर, बाद में उसने अपने आप को विकेटकीपर के तौर पर स्थापित किया। उसी का परिणाम है कि वह आज भारतीय टीम तक पहुंच गया।
ध्रुव जुरैल का कहना है कि धोनी उनके रोल मॉडल हैं। वह महेंद्र सिंह धोनी की तरह क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं। ध्रुव ने फर्स्ट क्लास मैचों की 19 पारियों में 790 रन बनाए हैं। इस दौरान एक शतक और पांच अर्धशतक लगाए हैं। वे टीम ए के 10 मैच खेल चुके हैं। इसमें दो अर्धशतक लगाए हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग-2023 में ध्रुव जुरैल को राजस्थान रॉयल की टीम में खेलने का मौका मिला था। आईपीएल से उनका आत्म विश्वास बढ़ा। महेंद्र सिंह धोनी के साथ खेलना अलग ही फीलिंग थी। हमेशा से उनको टीवी पर देखा। वह उसके पीछे खड़े थे, यही काफी था। ध्रुव जुरैल ने उनसे बात की थी। स्लॉग ओवर में कैसे बैटिंग की जाए। उन्होंने बहुत अच्छे से समझाया। 
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