धनुष भंग होते ही सिया ने राम को पहनाई वरमाला

आगरा, 08 अक्टूबर। नगर की प्रमुख रामलीला में रविवार को धनुष यज्ञ और परशुराम संवाद की मनोहारी लीला हुई। रामलीला मैदान में सीता स्वयंवर का दरबार सजा था। विभिन्न राज्यों के राजा सीता स्वयंवर में पहुंचे। मुनि विश्वामित्र रामचन्द्र व लक्ष्मण को साथ लेकर जनकपुरी में पहुंचते हैं। राजा जनक द्वारा उनको सर्वोच्च सिंहासन दिया जाता है।
इस सीता स्वयंवर में कई देशों के राजा शिव धनुष को उठाने की कोशिश करते हैं, लेकिन विफल रहते हैं। इसके बाद मुनि विश्वामित्र द्वारा श्रीराम को आदेश दिया जाता है। राम सर्वप्रथम भगवान शंकर के धनुष को प्रणाम करते हैं तथा जैसे ही धनुष को उठाते हैं, वह टूट जाता है। पूरी मिथिला नगरी में खुशियाँ फैल जाती हैं और सीताजी राम के गले में वरमाला डालती हैं।
इसके बाद की लीला में दिखाया गया कि भगवान परशुराम वहां आते हैं। लक्ष्मण और परशुराम में घोर संवाद होता है। परशुराम श्रीराम को नारायण रूप में देखते हैं और उन्हें प्रणाम कर मिथिला नगरी से चले जाते हैं।
इससे पूर्व रावतपाड़ा से रामलीला मैदान तक धनुष यज्ञ में शामिल होने वाले सभी स्वरूपों की शोभायात्रा निकाली गई। 
आज की लीला के दौरान प्रदेश की कैबिनेट मंत्री और आगरा ग्रामीण क्षेत्र से विधायक बेबी रानी मौर्य ने श्री राम की आरती की। कैबिनेट मंत्री का स्वागत रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और महामंत्री राजीव अग्रवाल ने किया।
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