दुबई से बकिंघम पैलेस की सड़क यात्रा पर निकले छह प्रवासी भारतीय
दुबई, 11 जुलाई। यहां के छह निवासी दुबई के प्रतिष्ठित बुर्ज खलीफा से लंदन के राजसी बकिंघम पैलेस तक 45 दिनों की सड़क यात्रा पर निकले हैं, जिसे वे जीवन बदलने वाली यात्रा मानते हैं।
पचास वर्ष से अधिक उम्र के इन सभी छह लोगों का कहना है कि यह यात्रा उनके लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है, क्योंकि वे अपने जीवन की दूसरी पारी को गले लगा रहे हैं। छह लोगों में जयकिशन मुरलीधर (जैकी) मोरदानी, देवीदास मुरलीधर मोरदानी, जोशी नैषधकुमार मुकुंदराई, दौलत गुल असवानी, मनोज गुरमुखदास तख्तानी और लक्ष्मण गुल असवानी शामिल हैं। इनमें दौलत और लक्ष्मण आपस में भाई हैं और उनका उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से भी जुड़ाव है।
इन दोस्तों में से एक जैकी मोर्दानी ने कहा, “असाधारण बुर्ज टू बकिंघम योजना 27 जनवरी, 2020 को चाय पर हुई एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान बनी। जैसे ही हम में से कुछ दोस्त इकट्ठा हुए, हम में से एक दोस्त के मोबाइल फोन 15 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप चलने लगी। इसमें कुछ व्यक्तियों की भारत से यूके तक की विस्मयकारी कार यात्रा पर दिखाई गई थी। हम ऐसी यात्रा की संभावनाओं को लेकर उत्सुक थे। इस वीडियो को देख कर हम दोस्तों के मन में भी ऐसा ही कुछ करने का विचार पनपने लगा।”
मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के अचानक फैलने से उनकी योजनाएँ अस्त-व्यस्त हो गईं। फिर भी, समय तैयार होने पर इसे आगे बढ़ाने का उनका दृढ़ संकल्प अडिग था।
तीन साल की तैयारी के साथ, सभी दोस्तों ने इस साहसिक कार्य के लिए तैयारी की। दो अतिरिक्त मित्र इस अभियान में शामिल हुए। विशेष रूप से एक नई 13-सीटर बस खरीदी गई और उसे विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया गया। वाहन में तीन स्तरीय रैंकिंग प्रणाली, एक शामियाना, शॉवर और अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष सहित प्रभावशाली विशेषताएं हैं।
दुबई से बकिंघम पैलेस तक की यात्रा पर निकले ये दोस्त दो दिन पहले तक तुर्की में रात्रि विश्राम के लिए रुके हुए थे। वे ईरान और तुर्की को कवर कर चुके हैं और बुल्गारिया, सर्बिया, स्लोवाकिया, क्रोएशिया, इटली, स्विट्जरलैंड, अंडोरा, स्पेन, क्लासी, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, जॉर्जिया, अजरबैजान और ग्रीस की ओर बढ़ने की तैयारी में हैं।
दोस्तों के बीच मास्टर शेफ की भूमिका निभा रहे जैकी मोर्दानी कहते हैं कि वह और उनके दोस्त एक साथ अपने हर समय का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा, "बाहर कैंपिंग करने और 'मास्टर शेफ' की भूमिका निभाने से लेकर कप्पाडोसिया के बैलून वंडरलैंड की खोज तक, वे वो सब कर रहे हैं जो वर्षों से करना चाहते थे।"
उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यापक शोध किया है, जिसमें उन देशों के लिए रोड मैप, वीज़ा आवश्यकताओं और यात्रा नियमों का अध्ययन करना शामिल है, जहां से वे गुजरेंगे। उन्होंने अन्य यात्रियों के वीडियो देखकर और ब्लॉग पढ़कर भी ज्ञान इकट्ठा किया है, जिससे उन्हें रास्ते में आने वाली वास्तविक चुनौतियों को समझने में मदद मिली है।
दोस्तों की इस टीम ने बताया कि यात्रा के दौरान उनकी स्वास्थ्य स्थितियों के प्रबंधन के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य उम्र की परवाह किए बिना दूसरों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करना है। हमारा मिशन सीमाओं को पार करना, चुनौतियों पर काबू पाना और जिस दुनिया में हम रहते हैं उसकी सुंदरता को संजोना है। बुर्ज से बकिंघम मानवीय भावना का उत्सव है, यह याद दिलाता है कि नए रोमांच की तलाश करने और आजीवन संबंध बनाने में उम्र कोई बाधा नहीं है।"
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