आगरा में निरंतर बढ़ रही यमुना, ताजगंज श्मशान घाट में पानी भरा, खेतों में भी पहुंचा

आगरा, 15 जुलाई। जिले में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को ताजमहल के पास स्थित श्मशान घाट के प्लेटफार्म पर पानी भर गया। इस कारण यहां क्रिया-कर्म रोकना पड़ा। कैलाश मंदिर घाट, बल्केश्वर घाट पर सीढ़यां डूब गई हैं और पानी लगातार बढ़ रहा है। रात को शहर में हुई बारिश ने लोगों की चिंता कम नहीं होने दी।
शनिवार की सुबह यमुना का जलस्तर 494.20 फीट तक पहुंच गया। यह लो फ्लड लेवल के नजदीक है। लो फ्लड लेवल 495 फीट है। अनुमान है कि रात तक यमुना लो फ्लड लेवल तक पहुंच जाएगी। 
बाढ़ की संभावना को देखते हुए मोतीगंज बाजार में गोदाम खाली करा दिए गए हैं। यमुना का पानी अब निचले इलाकों में भरने लगा है। दयालबाग में खेतों में पानी भर गया। सिंचाई विभाग का पूर्वानुमान है कि जलस्तर 500 फीट तक पहुंचेगा, जिससे बाढ़ आना तय माना जा रहा है। यमुना का लो फ्लड लेवल 495 फीट और मीडियम फ्लड लेवल 499 फीट है। हाई फ्लड लेवल 508 फीट है। श्मशान घाट में बने नए प्लेटफॉर्म पर अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। अगर जलस्तर और बढ़ता है तो इलेक्ट्रिक शवदाह गृह पर ही अंतिम संस्कार की व्यवस्था होगी।
जलस्तर बढ़ने से यमुना में गिरने वाले नालों का पानी बैक मार रहा है। नाले लबालब हो गए हैं। ऐसे में हालात बिगड़ने पर नालों का पानी मोहल्लों में भर सकता है। ताजगंज श्मशान घाट के पास नाले का पानी भर गया है। जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने 47 गांवों में मुनादी शुरू करा दी है। यमुना किनारे वाले गांवों में ग्रामीणों से अपील की गई है कि वो अपने पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर लें। बच्चे, बुजुर्ग व पशुओं को यमुना किनारे न जाने दें। इसके अलावा जरूरी सामान की व्यवस्था भी कर लें।
यमुना किनारे रह रहे शहरवासी एवं व्यापारी ले रहे बाढ़  को लेकर पल-पल की खबरों पर नजर बनाए हुए हैं। शहर में जगह-जगह वर्ष 1978 में आई बाढ़ की चर्चा की जा रही है। वर्ष 2010 में भी यमुना जलस्तर 499.3 फीट पहुंचा था, जिससे किनारे की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। कैलाश महादेव मंदिर के गर्भगृह तक पानी पहुंच गया था। शिवलिंग को स्पर्श करने के बाद उतरा था। पोइया घाट पर मोक्षधाम में पानी घुस गया था। दयालबाग क्षेत्र की कॉलोनियों में पानी पहुंच गया था।
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