खबरें आगरा की -1.........
आगरा, 16 जुलाई। जूता उद्योग पर बीआईएस मानक के प्रस्ताव का विरोध कर रहे जूता कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल आज रविवार को जिले के सांसद व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो एस पी सिंह बघेल से उनके निवास पर मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा।
जूता निर्माताओं के संगठन के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री से बीआईएस मानक बाध्यकारी बनाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया और उनसे जिले के इस बड़े उद्योग को राहत दिलाने की मांग की। उन्होंने बताया कि इस मानक के खिलाफ सोमवार को समस्त जूता उद्योग बंद रहेगा।
के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह लवली वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र त्रिलोकानी, वसीम अहमद, अजय कुमार, चंद्रमोहन सचदेवा, हिम्मत रामानी, संजय धींगरा, अम्बा प्रसाद गर्ग, बंटी ग्रोवर समेत अनेक लोग शामिल थे।
केंद्रीय मंत्री बघेल ने आश्वासन दिया जल्द ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से जूता उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात कराई जाएगी एवं छोटे उद्योग व हस्तनिर्मित जूते को इससे बाहर रखा जाएगा।
फिलहाल जूता उद्योग से जुड़े सभी एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है सोमवार 17 जुलाई को छोटी बड़ी जूते की सभी इकाइयां, सोल, मटेरियल, कंपोनेंट्स व शू ट्रेडर्स बाजार बीआईएस के विरोध में बंद रखे जाएंगे।
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मेडिकल कैम्प में दिया निःशुल्क परामर्श
आगरा। भारतीय योग संस्थान द्वारा पुरानी ईदगाह कालोनी के सत्संग भवन पार्क में मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया जिसमें डॉ अनुपम शर्मा, डॉ अंजुम, डॉ नरेन्द्र शुक्ला, डॉ रितिका जैन एवं डॉ मनोज शर्मा ने मरीजों को निःशुल्क परामर्श दिया। बाल पैथोलोजी लैब आगरा द्वारा कैंप में 70 रोगियों का परीक्षण करके जांच की गई। भारतीय योग संस्थान की अंजली शर्मा एवं आर. के. शर्मा और आर. पी. अग्रवाल ने कैंप को कोऑर्डिनेट किया गया। सुबीर घोष एवं पूर्व विधायक महेश कुमार गोयल ने डॉक्टरों का स्वागत किया। संस्था के पवन गोयल का भी सहयोग रहा।
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आगरा में फिल्म पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए
आगरा। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने जिले में फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि यह जिला फिल्म पर्यटन के लिए उपयुक्त है।
पत्र में चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि यह शहर पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर विख्यात है। यहां ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, एत्माददौला, अकबर का मकबरा आदि ऐतिहासिक/विश्वदाय स्मारक स्थित हैं। फिल्म निर्देशकों के लिए यह शहर बहुत ही अद्भुत एवं विविधता पृष्ठभूमि का है। इसलिए यहां समय-समय पर कई विख्यात फिल्मों की शूटिंग हुई है। जिसमें मुख्य रूप से मुग़ल-ए-आज़म, परदेस, बंटी और बबली, यमला पगला दीवाना, रांझणा, बाजिराओ मस्तानी, टॉयलेट: एक प्रेम कथा, मेरे ब्रदर की दुल्हन, तेवर, झूम बराबर झूम इत्यादि हैं।
पत्र में चैंबर के संस्कृति एवं पर्यटन प्रकोष्ठ के कोचेयरमैन राहुल जैन ने कहा कि पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर फिल्म सिटी की स्थापना होनी चाहिए। जिससे शहर के फिल्म पर्यटन, प्रतिभा प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के साथ-साथ यहां की अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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