सर्राफा कारोबारी पर आयकर सर्वे - "तू डाल-डाल मैं पात-पात," || तमाम सिफारिशों और विरोध-प्रदर्शन के बीच काम करती रहीं जांच टीमें

आगरा, 21 दिसम्बर। आयकर विभाग द्वारा सर्राफा कारोबारी एपी ज्वैलर्स के चार प्रतिष्ठानों पर चल रही सर्वे की कार्रवाई रविवार की मध्य रात्रि पूरी होने जा रही है। तीन दिन चली इस कार्रवाई में कभी आयकर जांच टीमें तो कभी कारोबारी एक-दूसरे पर दबाव बनाते रहे। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गड़बड़ियां मिली हैं, जिनकी सघन जांच जारी है। वहीं कारोबारी के नजदीकी लोग निरंतर यह दावा करते रहे कि आयकर विभाग को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। सर्राफा व्यापारियों ने दबाव की नीति अपनाते हुए रविवार को किनारी बाजार स्थित चौबेजी के फाटक और अन्य बाजारों में अपने शटर बंद रखे।
सर्वे के दूसरे दिन शाम से ही विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए थे। एपी ज्वैलर्स फर्म के संचालक के नज़दीकी लोगों ने व्यापारी नेताओं से संपर्क कर समर्थन में आवाज उठाने को कहा। कुछेक व्यापारी नेताओं ने मीडिया के समक्ष विरोध जताया। एक व्यापारी नेता ने तो दूसरे व्यापारी नेता का सहारा लेते हुए ऑडियो बयान भी जारी कर दिया। सूत्रों के अनुसार कुछ व्यापारी नेताओं ने आयकर विभाग कानपुर में बैठने वाले वरिष्ठ अधिकारियों से भी संपर्क किया और सर्राफा व्यापारी का उत्पीड़न न होने देने का अनुरोध किया। 
लेकिन विभागीय सूत्रों का दावा है कि व्यापारी नेताओं की ऐसी कोशिशों से जांच टीमों पर असर नहीं पड़ा। वे अपने कार्य में लगी रहीं। शाम तक जांच पूरी होने और व्यापारी के बयान दर्ज कर लिए जाने की उम्मीद थी, लेकिन शाम को आधा बयान दर्ज कराने के बाद सर्राफा व्यापारी ने शेष बयान सुबह दर्ज कराने के लिए कह दिया। इस पर आयकर अधिकारी सुबह तक जांच पूरी करने का मन बनाने लगे। बताया जाता है कि इस बीच फर्म संचालक ने अपने कर अधिवक्ता से बात की। अधिवक्ता की जांच अधिकारियों से भी बात हुई। इसके बाद पूरे बयान रात में ही दर्ज कराने पर सहमति बन गई।
माना जा रहा है कि जांच टीमों द्वारा अपनी रिपोर्ट देने के बाद वरिष्ठ आयकर अधिकारी इस सर्वे के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।
कुछ व्यापारी नेताओं द्वारा आयकर सर्वे को जीएसटी प्रकरण से जोड़े जाने को आयकर विभाग के सूत्रों ने गलत बताया। सूत्रों का कहना है कि सर्वे की तैयारी काफी पहले से चल रही थी। यह संयोग ही रहा कि सर्वे से कुछेक दिन पहले ही एपी ज्वैलर्स के संचालक ने जीएसटी के सेवानिवृत आयुक्त और उनके पुत्र के खिलाफ 19 लाख रुपये की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई थी। 
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