Inside story: पूरन डावर के पुत्र को दिखाया था पिता की छवि खराब होने और सारी संपत्ति का खुलासा होने का भय, आयकर विभाग में सीआईटी रेड जैसा कोई पद ही नहीं

आगरा, 13 अक्टूबर। प्रमुख फुटवियर निर्यातक पूरन डावर से पांच करोड़ रुपये वसूलने के लिए साजिशकर्ता ने उनके बेटे को पिता की छवि खराब होने का भय दिखाते हुए साजिश रची थी, लेकिन साजिशकर्ता की गलतियों और परिवार की सूझबूझ से ब्लैकमेल करने में सफल नहीं हो सका।
साजिशकर्ता ने करीब साढ़े तीन पेज लंबा पत्र आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट चैंबर (एफमैक) के निवर्तमान अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्र सरकार के फुटवियर एवं चमड़ा विकास उद्योग निगम के चेयरमैन पूरन डावर के बेटे संभव के नाम भेजा और बार-बार पिता की छवि खराब होने का भय दिखाया। संभव डावर को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। साजिशकर्ता ने जताना चाहा कि वह पूर्व में पूरन डावर के एहसानों तले दबा है और उसे चुकाने के लिए मदद के रूप में यह पत्र लिख रहा है।
साजिशकर्ता ने संभव को जाल के फांसने के लिए रोचक कहानी गढ़ी। उसने कहा, "वह पिछले दिनों संजय प्लेस स्थित आयकर विभाग में "आयकर रेड" विभाग में कार्यरत एक प्रभारी से मिलने गया था। उसी समय "सीआईटी रेड" का पीए वहां आया और कहा कि साहब फाइल मंगा रहे हैं। प्रभारी ने दो फाइलें निकाली। एक फाइल की एंट्री करने लगे तभी दूसरी फाइल पर मेरी नजर पड़ी उस पर "डावर ग्रुप आगरा" लिखा था। मैंने किसी तरह दूसरी फाइल की एंट्री करने से रोक लिया, यदि एंट्री हो जाती तो फाइल "सीआईटी रेड" के पास चली जाती। वे बेहद ईमानदार अधिकारी हैं और राजघराने से हैं। उनके एक आईएएस भाई पीएमओ में कार्यरत हैं। वे मोदी और शाह से भी नहीं दबते हैं। क्योंकि मोदी और शाह के सारे काले कारनामे उनकी जेब में हैं। इसलिए संभव भाई! तुम किसी नेता या मंत्री के चक्कर नहीं पड़ना। न ही अपने किसी आदमी या वकील को आयकर कार्यालय में भेजना, वरना विभाग के कान खड़े हो जाएंगे। 
साजिशकर्ता ने भावनात्मक कार्ड खेलते हुए आगे लिखा, मैंने अपने आयकर अधिकारी मित्र को बचपन की दोस्ती का वास्ता दिया और पूछा कि तुम्हें इस फाइल की क्या कीमत चाहिए, उन्होंने दस करोड़ रुपये मांगे तो मैंने उनसे कह दिया कि मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैं पांच करोड़ रुपये दिलवा देता हूं। अधिकारी ने कहा कि पांच करोड़ रुपये का पार्सल रविवार 12 अक्टूबर को दोपहर दो बजे गुरुद्वारे के सामने फ्लाईओवर के नीचे चाय की दुकान पर रखवा देना। दो-तीन कार्टून में पैसा आ जाएगा। किसी को बताना नहीं कि कार्टून में क्या है। इनके दो आदमी नजर रखेंगे और एक आदमी आकर कार्टून ले जाएगा। यदि किसी ने पीछा किया या टोका तो तुरंत ये लोग विभाग में फोन कर देंगे और बात खुल जाएगी। इस पत्र के साथ एक पर्ची भेज रहा हूं, वह चाय वाले को देना और कहना कि ऐसी ही दूसरी पर्ची देने वाले को कार्टून दे दे। इसके पंद्रह दिनों में फाइल तुम्हारे पास पहुंच जाएगी। 
साजिशकर्ता ने की डराने की कोशिश- "तुम्हारा कोई खास दे गया है सारी संपत्ति की जानकारी"
पत्र के शुरुआत में साजिशकर्ता ने भय दिखाने की कोशिश भी की। उसने लिखा कि मैं तुम्हारा शुभचिन्तक एक अति आवश्यक सूचना दे रहा हूँ कि तुम्हारा कोई अपना खास जो तुम्हारी सभी सम्पति को जानकारी रखता है यहाँ तक कि कितनी किस-किस शहर में है कितने NGO चल रहे हैं, कितनी जमीनों पर गैरकानू‌नी कब्जा है, कितनी एक नं. की, कितनी दो नं. की संपत्तियां हैं। कई सौ करोड़ का हिसाब-किताब और भी बहुत कुछ एक फाइल में आई टी रेड विभाग के सीक्रेट ऑफिस में देकर गया है।
आयकर विभाग में सीआईटी रेड का पद ही नहीं 
ब्लैकमेलर ने अपने पत्र में बार बार आई टी रेड विभाग और सीआईटी रेड पद का जिक्र किया, जबकि आयकर विभाग में ऐसा कोई विभाग या पद होता ही नहीं हैं। छापों से पूर्व की जानकारी जुटाने के लिए विभाग तो होता है लेकिन उसे अन्वेषण शाखा कहा जाता है। इस विभाग के शीर्ष अधिकारी प्रधान निदेशक, निदेशक और उपनिदेशक होते हैं। सीआईटी रेड नाम का कोई पद नहीं है। हालांकि साजिशकर्ता ने झांसे में लेने के लिए फाइल कवर की छायाप्रति भी पत्र के साथ भेजी, जिस पर कार्यालय आयकर आयुक्त तो छपा है लेकिन नीचे पैन से सीआईटी (आर) लिखा है।
पुलिस आयुक्त के निर्देश पर बिछा जाल और पकड़े गए तीन लोग
संभव ने यह पत्र अपने पिता पूरन डावर को पढ़ाया तो उनका माथा ठनका। सोच विचार के बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को पत्र से अवगत कराया। उनके निर्देश पर थाना सिकंदरा पुलिस ने जाल बिछाया और निर्धारित स्थल पर कार्टून लेने पहुंचे दो युवकों और चाय वाले को पकड़ लिया। चर्चा है कि पकड़े गए युवक पूरन डावर की फुटवियर फैक्ट्री में काम कर चुके हैं। इस बारे में पूरन डावर का कहना है कि वर्तमान में दोनों युवक उनकी फैक्ट्री में कार्यरत नहीं थे, पूर्व में रहे थे या नहीं इसके बारे में वे रिकॉर्ड दिखवा रहे हैं।
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