सनसनीखेज: "आयकर की बहुत गड़बड़ियां हैं, दस करोड़ की जगह पांच करोड़ में निपटा देंगे मामला, पैसा भेजो" - पूरन डावर को ब्लैकमेल करने की कोशिश

आगरा, 13 अक्टूबर। शहर के प्रमुख फुटवियर निर्यातक पूरन डावर को अनजान व्यक्ति द्वारा उनकी कंपनी में आयकर संबंधी गड़बड़ी का भय दिखाकर पांच करोड़ रुपये की राशि मांगे जाने का मामला सामने आया है। थाना सिकंदरा पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए तीनों लोग कर्मचारी स्तर के हैं, पुलिस का मानना है कि इसके पीछे मास्टर माइंड कोई अन्य है, उसकी तलाश की जा रही है।
पूरन डावर आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट चैंबर (एफमैक) के निवर्तमान अध्यक्ष हैं और वर्तमान में केंद्र सरकार के फुटवियर एवं चमड़ा विकास उद्योग निगम के चेयरमैन हैं। सिकंदरा क्षेत्र में राजमार्ग पर डावर फुटवियर के नाम से उनकी फैक्ट्री है।
पूरन डावर ने "न्यूज नजरिया" को बताया कि कुछ दिन पूर्व उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसके साथ आयकर बंधी फर्जी दस्तावेज भी भेजे गए। पत्र में लिखा था कि उनकी फैक्ट्री और बिजनेस से जुड़े सभी दस्तावेज और टर्नओवर का विवरण उनके पास है। पूरा मामला खत्म कराने के लिए दस करोड़ रुपये लगेंगे, लेकिन हम यह काम पांच करोड़ रुपये में निबटवा देंगे। पत्र में आयकर छापे की धमकी देते हुए कहा गया कि पांच करोड़ रुपये 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे ट्रांसपोर्ट नगर के निकट स्थित चाय की दुकान पर पहुंचा दिए जाएं, अन्यथा बड़े नुकसान के लिए तैयार रहें। पत्र के साथ पहचान के लिए कागज का टुकड़ा भी दिया गया, जो रकम के साथ चाय वाले को देना था।
पूरन डावर ने पत्र को लेकर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से मिले और उन्हें पूरे प्रकरण की जानकारी दी। इस पर पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने जाल बिछाया। सादा कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात करने के बाद तीन कार्टूनों में रुपयों की बजाय किताबें रखकर चाय वाले के पास पहुंचा दिए गए। चाय वाले ने भी बिना किसी जिज्ञासा के उन कार्टूनों को रखवा लिया और पत्र के साथ भेजे गए कागज के टुकड़े को भी ले लिया। 
कुछ घंटों के इंतजार के बाद दो लोग जब उन कार्टूनों को लेने पहुंचे तो वहां पहले से घात लगाए पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। बाद में दोनों से पूछताछ के आधार पर एक अन्य व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस चाय वाले से भी पूछताछ कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि इस पूरे मामले के पीछे किसका दिमाग है। प्राथमिक जांच में इस पूरे मामले के पीछे डावर फैक्ट्री से जुड़ा कोई अंदरूनी व्यक्ति होने की आशंका है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या पकड़े गए लोग डावर फुटवियर कंपनी के कर्मचारी हैं।
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