पांच सौ फीट की ओर यमुना का जलस्तर! शाम पांच बजे तक 499.13 फीट, बटेश्वर मंदिर में घुसा पानी, कैलाश समेत शहर की कई बस्तियां भी प्रभावित, सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे लोग
आगरा, 06 सितम्बर। जिले में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है। सिंचाई विभाग के अनुसार, शाम पांच बजे वाटर वर्क्स पर जलस्तर 499.13 फीट पहुंच चुका था। इसमें वृद्धि जारी है। खतरे का निशान 500 फीट पर है। शनिवार की देर रात या रविवार की सुबह तक जलस्तर 500 फीट से ऊपर पहुंच सकता है। नदी किनारे क्षेत्रों में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों ने सामान समेटना शुरू कर दिया है।
सिंचाई विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह 11 बजे जलस्तर 498.91 फीट था, जो सायं चार बजे तक 499.11 फीट हो गया। अगले एक घंटे में इसमें 0.02 फीट की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। शनिवार की सुबह 10 बजे दिल्ली के ओखला बैराज से दो लाख क्यूसेक और मथुरा के गोकुल बैराज से 1.33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
निरंतर उफना रही यमुना का पानी शहर और गांव में घुसना शुरू हो गया है। कैलाश गांव में पानी भर गया है। बीस से अधिक घरों में पानी भरा हुआ है। लोग छतों और ऊंची जगहों पर रहने को मजबूर हैं। शहर में दयालबाग से एत्मादउद्दौला तक आधा दर्जन कॉलोनियां खतरे के मुहाने पर हैं। मनोहरपुर में यमुना से 200 मीटर दूर बने मकानों तक पानी पहुंच गया है। कैचमेंट एरिया में बनीं झोपड़ियां डूब गई हैं। नालों के बैक मारने से यमुना किनारा रोड, कैलाश गांव, कृष्णा कॉलोनी, मोती महल, घाट बजरिया सहित डेढ़ दर्जन मोहल्लों में पानी भर गया है। ताज व्यू प्वाइंट और मेहताब बाग जलमग्न हो गए हैं।ताजमहल के पीछे पार्क पूरी तरह से डूब गया है। यहां दो-दो फीट तक पानी है।
बाह तहसील के बटेश्वर मंदिर परिसर में पानी भर गया है। मुख्य मंदिर व मंदिर श्रृंखला, कचौरा घाट के शिव मंदिर जलमग्न हो गए। चार गांवों कल्याणपुर, भरतार, सुंसार और गुढियाना गांवों का संपर्क तहसील बाह मुख्यालय से टूट गया है। स्टीमरों का संचालन कर ग्रामीणों को मदद पहुंचाई जा रही है। बढ़ते जलस्तर से शहरी क्षेत्र की बीस हजार और ग्रामीण क्षेत्र की दस हजार की आबादी को खतरा पैदा हो गया है। जिला प्रशासन एहतियाती कदम उठा रहा है। दो दर्जन से अधिक बढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। अधिकारियों द्वारा निरंतर हालात पर निगरानी रखी जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को हटाया जा रहा है। आश्रय स्थलों में उनके ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। मेडिकल टीमों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
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