निचले इलाकों में भरा यमुना का पानी, नाले मार रहे बैक, 28 बाढ़ चौकियों से निगरानी कर रहा प्रशासन, बारिश ने बढ़ाई चिंता
आगरा, 01 सितम्बर। उत्तरी भारत के कई क्षेत्रों में निरंतर वर्षा हो रही है और इस कारण नदियों में जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। जिले में एक बार फिर यमुना नदी उफान पर है। सिंचाई विभाग के अनुसार, वाटर वर्क्स पर यमुना नदी खतरे के निशान से 1.3 फीट ऊपर बह रही है। गोकुल बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण इस जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। गोकुल बैराज से सोमवार की शाम 99,119 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों के अनुसार सायंकाल पांच बजे तक वाटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर 496.325 फीट पहुंच चुका था। इसमें वृद्धि जारी है। यहां खतरे का निशान 495 फीट पर है।
जलस्तर में वृद्धि होने से मनोहरपुर के खेतों में बनी झोपड़ियों में पानी पहुंच गया। एत्माद्दौला स्मारक की कोठरियों में पानी भर गया। ताजमहल के पिछले हिस्से में नदी किनारे बने पार्क के भी पानी घुस चुका है। ताजगंज के श्मशान घाट में भी पानी भर गया, जिससे निचला प्लेटफार्म और चिता स्थल डूब गए। यमुना में गिरने वाले मंटोला, जीवनी मंडी, हाथीघाट आदि नालों में पानी बैक मारने लगा है। सिकंदरा क्षेत्र में कैलाश मंदिर के साथ ही यमुना किनारे फतेहाबाद और पिनाहट क्षेत्र में भी पानी बढ़ रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा शहर से देहात तक 28 बाढ़ चौकियों से यमुना के जलस्तर की निगरानी की जा रही है। सिंचाई विभाग के अनुसार, तहसील सदर में यमुना नदी के लो फ्लड पर प्रभावित होने वाले ग्राम तनौरा, नूरपुर, कैलाश, स्वामी बाग, नगला बूढ़ी, अमर विहार दयालबाग, मोती महल, कटरा वजीर खाँ, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज, यमुना किनारा रोड वेदान्त मन्दिर से फोर्ट एवं तहसील फतेहाबाद में ग्राम भरापुर, बमरौली, ईदौन, भडायना, मेवीकलॉ, गुडा मेवली खुर्द, हिमायूपुर आदि ग्राम प्रभावित होने की सम्भावना है। हालांकि विभाग ने जल संस्थान पर जलस्तर स्थिर होने की सम्भावना भी जताई।
अपर जिलाधिकारी ने की अपील
अपर जिलाधिकारी (वि/रा) शुभांगी शुक्ला ने शहरवासियों एवं ग्रामवासियों से अपील की कि जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड को वॉटरफूफ बैग में रखें। क्लोरिन, ओ.आर.एस. तथा आवश्यक दवाइयां प्राथमिक उपचार किट मे रखें, सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें। बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांगजन एवं बीमार व्यक्तियों को तुरन्त तहसीलों द्वारा स्थापित किये गये बाढ़ शरणांलयों में शरण ले। उबला हुआ या क्लोरिन युक्त पानी का उपयोग करें। बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेगुलेटर को बन्द रखें, बाढ़ के सम्पर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें। डूबे हैंडपम्प के पानी का उपयोग न करें। पानी के किनारे न जाये, जरूरत मद चीजों को ऊँचे स्थान पर रखे।
तेज बारिश से कई इलाके हुए जलमग्न
इस बीच जिले सोमवार को हुई तेज बारिश से शहर और देहात के कई इलाके जलमग्न हो गए। एमजी रोड, बाईपास रोड पर भी कई जगह पानी भरा नजर आया। शास्त्रीपुरम और आसपास के इलाकों में बारिश के पानी से सड़कें डूब गईं। नगर निगम प्रशासन ने अपनी टीमों को जल निकासी की व्यवस्था करने के लिए सक्रिय कर दिया।
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