चर्चित प्रकरण: बेदरिया राम गजक व्यवसायी हरीसिंह को आजीवन कारावास, 1.10 लाख का अर्थदंड भी, अपने ही बड़े भाई पर तलवार प्रहार कर की थी हत्या, तीन पुत्रों की एक वर्ष की परिवीक्षा पर रिहाई के आदेश
आगरा, 26 सितम्बर। शहर के प्रसिद्ध बेदरिया राम गजक भंडार के व्यवसायी हरी सिंह पुत्र स्व. बेदरिया राम निवासी पाक टोला ताजगंज को अपने बड़े भाई की गैर इरादतन हत्या एवं अन्य आरोप में एडीजे-26 ने आजीवन कारावास एवं एक लाख, दसहजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
इसी मामले में मारपीट, गाली-गलौज एवं जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपित पुनीत, विनीत एवं केशव पाल पुत्रगण हरी सिंह को दोषी पाने के बावजूद जेल की सजा नहीं देकर अदालत ने एक वर्ष की परिवीक्षा पर 50-50 हजार रुपये की दो जमानत एवं इसी राशि के व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहाई के आदेश दिये।
गौरतलब है कि थाना ताजगंज में दर्ज चर्चित मामले के अनुसार वादी मुकदमा विमल कुमार पुत्र गुमान निवासी पाक टोला, ताजगंज ने मुकदमा दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि उसका गजक बनाने का व्यापार है, 16 नवम्बर 2007 की सुबह सात बजे वह अपने पिता गुमान सिंह पुत्र बेदरिया राम एवं अन्य परिजनों के साथ घर के दरवाजे पर खड़ा होकर व्यापार के सम्बंध में बातचीत कर रहा था, उसी समय उसका चाचा हरी सिंह एवं उसके पुत्र गण केशव पाल, पुनीत एवं विनीत रंजिशवश तलवार, लाठी, डंडे से लैस होकर घर आकर गाली-गलौज करने लगे। विरोध पर हरी सिंह ने गुमान सिंह को गम्भीर रूप से घायल कर दिया। हरी सिंह एवं उसके पुत्र गण ने अन्य के साथ भी मारपीट की। मौके पर आये मोहल्ले वालों द्वारा उन्हें बचाने पर आरोपी धमकी देते हुए भाग गये। इलाज के दौरान गुमान सिंह की मौत हो जाने पर आरोपियों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या, मारपीट, गाली-गलौज एवं धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। अभियोजन की तरफ से वादी मुकदमा विमल सिंह, विनोद कुमार, शांति देवी, रोहित पाल, डॉक्टर आर.एस. सतेंद्र, पुलिस कर्मी मुबीन अहमद, एसआई गुलाब सिंह, डॉ चंद्रप्रकाश, डॉ संजय कुमार गुप्ता , एसओ सुनील कुमार सिंह, एसआई जितेंद्र कुमार एवं एसआई जितेंद्र सिंह को गवाही हेतु अदालत में पेश किया गया।
एडीजे 26 ने वादी के अधिवक्ता अरविंद कुमार शर्मा के तर्क एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के अवलोकन उपरांत आरोपी हरी सिंह को अपने बड़े भाई गुमान सिंह की व्यापार के उत्तराधिकार को लेकर की गई गैरइरादतन हत्या एवं गाली गलौज आरोप में आजीवन कारावास एवं एक लाख दस हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। इस मामले में आरोपी पुनीत, विनीत एवं केशवपाल पुत्रगण हरीसिंह को गाली गलौज, मारपीट, एवं धमकी देने के मामले में दोषी पाने के बाबजूद जेल की सजा न दे एक वर्ष की परिवीक्षा पर रिहाई के आदेश दिये।
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