सरकारी संरक्षण के बिना नहीं हो सकता नकली दवाओं का इतना बड़ा अवैध कारोबार, सांसद सुमन ने सरकार की इच्छाशक्ति पर उठाए सवाल
आगरा, 30 अगस्त। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने शनिवार को यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि हाल ही में शहर में नकली दवाओं पर ताबड़तोड़ छापे पड़ने के बाद स्पष्ट है कि इतने बड़े पैमाने पर यह गुनाह सरकारी संरक्षण के बगैर नहीं हो सकता। डेढ़ दर्जन ट्रेनों से नकली दवाओं की ये खेप शहर में उतरती है और कुरियर के माध्यम से भी नकली दवाइयां लोगों तक पहुंचती हैं। सरकार ऐसे मामलों पर अनभिज्ञ बनी हुई है। इसका तात्पर्य है कि सरकारी तंत्र इस गोरखधंधे में लिप्त है।
रामजीलाल सुमन ने कहा कि नकली दवा विक्रेता देश के दुश्मन हैं। इस गोरखधंधे में संलिप्त व्यापारियों द्वारा करोड़ों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस अपराध के लिए बड़ी से बड़ी सजा भी कम है। इस अवैध व्यापार को रोकने के लिए सरकार में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी है।
सुमन ने कहा कि राज्यसभा में उनके द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्ष 2019 से 2025 के बीच 5,74,233 दवाओं के नमूने लिए गए थे, जिनमें सिर्फ 16,839 दवाइयां ही गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप मिलीं।
संजय प्लेस के एचआईजी फ्लैट स्थित अपने आवास पर सांसद ने कहा कि अवैध दवा विक्रेताओं के खिलाफ जो मुकदमे पंजीकृत हुए उनमें से सिर्फ 5.9 प्रतिशत मामलों में ही दंडित किया जा सका है। यह अत्यधिक गंभीर है और दंड दिलाने की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जरूरत है। देश के करोड़ों लोग इस अवैध धंधे की चपेट में हैं। नकली दवाओं के अवैध कारोबार के शिकार करोड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
दवा कंपनियों ने भाजपा को दिया मोटा चंदा
उन्होंने आरोप लगाया कि दवा बनाने वाली कंपनियों ने भाजपा को मोटा चंदा दिया है। टोरेंट फार्मास्यूटिकल लिमिटेड ने 61 करोड़ रुपये, सिप्ला लिमिटेड ने 37 करोड़, सन फार्मा लेबोरेटरीज लिमिटेड ने 31 करोड़, जाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड ने 18 करोड़, इंटास ने 20 करोड़, आईपीसीए लैबोरेट्रीज लिमिटेड ने 10 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को दिया। इन कंपनियों द्वारा बनाई गईं दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए नमूने लिए गए तो कार्डीवास, लैटोप्रोस्ट आई ड्राप्स, रेमडेसिविर इंजेक्शन, कोविफोर, लारियागो टैबलेट जैसी न जाने कितनी ही दवाओं के नमूने गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। इसके बावजूद भी जो प्रभावी कानूनी कार्रवाई इन कंपनियों के खिलाफ होनी चाहिए थी वह नहीं हुई और कहीं से भी इन पर मानसिक दबाव नहीं पड़ा।
...तो इस मामले में भी औपचारिकता ही होगी पूरी?
रामजीलाल सुमन ने कहा कि पूरे प्रकरण में सतही कार्रवाई की जा रही है। पुराने अनुभवों के आधार पर इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करके इस मामले की इतिश्री कर दी जाएगी। इस अवैध कारोबार में जो लोग लगे हुए हैं उन्हें ये सख्त संदेश देने की आवश्यकता है कि यह गोरखधंधा बंद हो।
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