वंचित, गरीब बच्चों के एडमिशन न लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के निर्देश, अधिक शुल्क वसूली, प्रति वर्ष ड्रेस बदलने, अनावश्यक ब्रांडिंग सामग्री का बोझ डालने वालों पर भी होगा एक्शन
आगरा, 23 जुलाई। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट 2009 के अंतर्गत वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को प्रवेश नहीं देने वाले निजी स्कूलों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति द्वारा तय किया गया कि जिन स्कूलों में फीस वृद्धि व ड्रेस चेंज की गई है उसकी सूची 15 दिन में उपलब्ध कराई जाए तथा सभी स्कूल अपनी फीस को डिस्प्ले करेंगे तथा सूची संबंधित अधिकारियों को देंगे, कोई भी फीस वृद्धि तथा स्कूल ड्रेस में बदलाव समिति को पूर्व सूचित व अनुमति के नहीं करेंगे।
बैठक में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट 2009 तथा उ.प्र.स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम- 2018 के अंतर्गत प्रकरण पर विचार किया गया। बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट 2009 के अंतर्गत निजी स्कूलों में वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं, जिसके तहत बच्चों का प्राइवेट स्कूल में दाखिला कराया जाता है लेकिन निजी स्कूल अनावश्यक डॉक्यूमेंट की मांग करने, स्वयं सत्यापन प्रक्रिया अपना कर रिजेक्ट कर हीलाहवाली कर प्रवेश नहीं दे रहे हैं, जिन्हें नोटिस दिया गया लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे स्कूलों में गायत्री पब्लिक स्कूल, कर्नल ब्राइटलैंड आदि स्कूल शामिल हैं।
बैठक में अभिभावक एसोसिएशन द्वारा कतिपय स्कूलों में प्रति वर्ष ड्रेस बदलने, फीस वृद्धि करने तथा स्कूल की ब्रांडिंग हेतु किताब कॉपी सहित अन्य सामग्री का अभिभावकों पर अनावश्यक बोझ डालने, स्कूल वैन में निर्धारित संख्या से ज्यादा बच्चों को ले जाने आदि विषयों को रखा गया।
बैठक में समिति के चार्टर्ड एकाउंटेंट ने बताया कि एक्ट के अनुसार स्कूल द्वारा पांच निरंतर शैक्षणिक वर्षों के भीतर स्कूल ड्रेस में परिवर्तन नहीं किया जाएगा तथा पूर्ववर्ती वर्ष के अध्यापन कर्मचारीवर्ग के मासिक वेतन में प्रति व्यक्ति वृद्धि के औसत के बराबर स्कूल के प्रत्येक वर्ग/कक्षा/स्तर के लिए वार्षिक शुल्क में पुनरीक्षण कर सकता है किन्तु शुल्क वृद्धि नवीनतम उपलब्ध वार्षिक प्रतिशत बढ़े हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तथा छात्र से वसूले किए गए पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, डीआईओएस चंद्रशेखर, बीएसए जितेंद्र कुमार गौड़, समिति के सीए दीपेंद्र मोहन गर्ग सहित शिक्षक एसोसिएशन अभिभावक संघ, स्कूल प्रबंध समिति के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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