सांसद नवीन जैन ने आयुर्वेद और होम्योपैथी अनुसंधान पर संसद में मांगी जानकारी, मंत्री बोले- केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद 27 संस्थानों और छह होम्योपैथिक अस्पतालों से सेवाएं दे रही
आगरा, 31 जुलाई। राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने गुरुवार को संसद के पटल पर आयुष मंत्रालय से सवाल पूछा गया कि पिछले तीन वर्षों में कितने आयुर्वेद व होम्योपैथी अनुसंधान केंद्र स्थापित किए गए हैं, देश भर में अनुसंधान केंद्रों की स्थापना के लिए कितनी राशि आवंटित की गई है और सरकार देश में आयुर्वेद व होम्योपैथी अनुसंधानों को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठा रही है।
प्रश्न के उत्तर में आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव के बताया के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) और केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (CCRH) के जरिए देशभर में अनुसंधान कार्य किए जा रहे हैं। सीसीआरएच वर्तमान में 27 संस्थानों और छह होम्योपैथिक अस्पतालों के माध्यम से सेवाएं दे रही है। अन्य प्रमुख रूपों से जैसे राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) की स्थापना 2021 में की गई, जो कि होम्योपैथी चिकित्सा की पढ़ाई व शोध को लेकर दिशा-निर्देश तैयार करता है।
राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान द्वारा कोलकाता में स्नातकोत्तर स्तर पर मेडिकल शिक्षा व शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। जनजागरूकता अभियान के तहत स्वास्थ्य मेलों, शिविरों और प्रदर्शनियों के माध्यम से लोगों आयुष चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी दी जा रही है।
मंत्री ने बताया कि गोवा में वर्ष 2022-23 के दौरान एक नई वैज्ञानिक अनुसंधान इकाई की स्थापना की गई है, जिस पर 7.32 करोड़ रुपये की लागत आई है। वित्त वर्ष 2023-24 में 85.29 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। साथ ही, देश के विभिन्न हिस्सों से और नए अनुसंधान केंद्रों की मांग के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं।
सरकार द्वारा ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में भी आयुर्वेद और होम्योपैथी सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत कई राज्यों में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों और परामर्श सेवाओं की व्यवस्था की गई है।
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