"अनुशासित" भाजपा के कार्यक्रम में अनुशासन तार- तार, विधायक भड़के, वसुंधरा ने भी कसा व्यंग्य || अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान समारोह
आगरा, 26 जून। आपातकाल के 50वें वर्ष पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुरुवार को यहां आयोजित लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान समारोह अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। मंच के सामने हंगामा और धक्का-मुक्की की गई। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और लोकतंत्र रक्षक सेनानी भड़क गए। फिर विधायक ने मंच से उतरकर मामले को संभाला। साढ़े पांच सौ लोगों की क्षमता वाले सभागार में दो हजार से अधिक लोग पहुंच गए। जिससे बेहद गर्मी और उमस का वातावरण बन गया। लोग बेहाल हो गए। मुख्य अतिथि भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और अन्य अतिथि भी गर्मी से परेशान रहे।
यह कार्यक्रम आरबीएस डिग्री कॉलेज स्थित रावकृष्ण पाल सभागार में आयोजित किया गया था। सभागार की क्षमता से अधिक लोगों के पहुंच जाने से व्यवस्थाएं चरमरा गईं। हॉल का वातानुकूलन सिस्टम फेल हो गया। लोग गर्मी और उमस से परेशान हो गए। लोग कार्यक्रम छोड़कर जाने लगे।
मुख्य अतिथि भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सहित मंच पर बैठे अधिकांश अतिथि पसीना पोंछते नजर आए। वसुंधरा राजे पल-पल पर अपनी साड़ी के पल्लू से पसीना पोंछ रही थीं।
मंच पर कोई व्यवस्था नहीं थी। यहां लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का सम्मान होना था लेकिन कार्यकर्ताओं ने मंच पूरा कब्जा लिया। वसुंधरा राजे का भाषण खत्म होने के बाद तो स्थिति और बेकाबू हो गई। अव्यवस्थाएं देख वसुंधरा राजे भी व्यंग्य कसने में पीछे नहीं रहीं। उन्होंने कहा, "यहां आकर ऐसा लग रहा है कि मैं घर आ गई हूं। किसी को बाहर भेजना पड़ा। कुछ मंच पर लड़ रहे थे तो कुछ नीचे लड़ रहे थे। यह सब देख ऐसा लग रहा था कि मैं घर में हूं।"
सम्मान कार्यक्रम के बीच मंच पर अव्यवस्थाएं देख विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल भड़क गए। उन्होंने माइक से कहा, "सभी कार्यकर्ता मंच से हट जाएं, ये फोटो सेशन नहीं है। यहां सिर्फ लोकतंत्र रक्षक सेनानी बैठेंगे। जो लोग मान्य हैं वही मंच पर आएं, बाकी नीचे चले जाएं।"
अव्यवस्था इतनी थी कि भाजपाइयों ने पूरा मंच ही घेर लिया। मंच के ऊपर और नीचे कार्यकर्ताओं का जमघट दिखाई दिया। भीड़ के कारण कुर्सियां कम पड़ गईं। भाजपा कार्यकर्ता मंच के सामने जमीन पर बैठ गए। संचालक ने कई बार मंच खाली करने के लिए कहा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इससे मंच के सामने कुर्सियों पर बैठे लोकतंत्र रक्षक सेनानी नाराज हो गए। उन्होंने हंगामा कर दिया और नाराज होकर कुर्सियों से खड़े हो गए। इस बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मंच से उतरकर आए विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने मामले को शांत किया। बाद में मंच से लोकतंत्र रक्षक सेनानियों से माफी भी मांगी गई। अधिकांश लोकतंत्र रक्षक सेनानी तो मंच पर पहुंच ही नहीं पाए। कुछेक किसी तरह से पहुंचे, उन्हें धक्का-मुक्की के बीच पटका पहनाया गया।
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