डॉक्टर डे पर चिकित्सकों ने किया दिनभर मंथन, कैसे करें चिकित्सा पद्धति को और बेहतर, प्रमुख स्वास्थ्य विषयों पर चर्चा
आगरा, 29 जून। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला शाखा द्वारा डॉक्टर डे के उपलक्ष्य में आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के दिनभर चले सत्रों में विभिन्न बीमारियों की रोकथाम और उनके इलाज पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शहर के 250 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया और चिकित्सा क्षेत्र के अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आधुनिक विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता, प्रोफेसर आर सी मिश्रा रहे।
संस्था के सचिव डॉ. राजनीश मिश्रा ने बताया कि यह आयोजन न केवल एक शैक्षणिक अनुभव था, बल्कि यह डॉक्टरों के मध्य संवाद, सहयोग और सामूहिक समाधान पर आधारित एक सशक्त मंच बना।
सत्रों का संक्षिप्त विवरण:
1. वरिष्ठ नागरिकों में बीमारियों की रोकथाम:
डॉक्टर शम्मी कालरा एवं डॉक्टर जे एन टंडन ने बताया कि बुज़ुर्गों में संक्रमण, हड्डी क्षय, मधुमेह और अवसाद जैसी समस्याएँ समय रहते नियंत्रित की जा सकती हैं यदि नियमित स्क्रीनिंग और जीवनशैली में बदलाव किया जाए।
2. सेप्सिस की रोकथाम कैसे करें:
सेप्सिस आज भी आईसीयू मौतों का एक बड़ा कारण है। डॉक्टर अंकुर गोयल एवं डॉक्टर राकेश भाटिया ने बताया कि शुरुआती पहचान, एंटीबायोटिक की समयबद्ध शुरुआत और प्रोटोकॉल आधारित इलाज से कई जीवन बचाए जा सकते हैं।
3. बेहतर ICU देखभाल:
डॉक्टर मिहिर गुप्ता ने वेंटिलेटर मैनेजमेंट, इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस और मल्टीडिसिप्लिनरी अप्रोच को ICU केयर में जरूरी बताया। डॉक्टर राजीव बंसल एवं डॉक्टर नीरज बसंतानी ने अपने विचार साझा किए। किडनी के मरीजों के icu मैं बेहतर विकल्पों पे नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर तरुण मित्तल, डॉक्टर अमित नारायण द्वारा चर्चा की गई |
4. सर्जिकल जटिलताओं से बचाव:
डॉक्टर करन रावत ने बताया कि प्री-ऑपरेटिव तैयारी, सेप्टिक प्रोटोकॉल अत्यंत आवश्यक है। डॉक्टर समीर कुमार, डॉक्टर अंकुर बंसल ने बताया रोगी चयन की उचित प्रक्रिया से सर्जरी के बाद की जटिलताओं को रोका जा सकता है।
5. बाल यौन शोषण – चिकित्सीय और सामाजिक दृष्टिकोण:
डॉक्टर मुकेश भारद्वाज ने संवेदनशील विषयों जैसे चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर बात करते हुए इसे सिर्फ कानून का विषय नहीं, बल्कि मेडिकल और मानसिक स्वास्थ्य का विषय भी बताया। स्वाति द्विवेदी एवं डॉक्टर सीमा सिंह ने कहा मेडिकल प्रोफेशनल्स की समय पर भूमिका से ऐसे बच्चों को न्याय और मानसिक समर्थन मिल सकता है।
6. मेडिको-लीगल पहलू:
डॉक्टर संगीता चतुर्वेदी जी ने बताया कि डॉक्टरों को केस दस्तावेज़ीकरण, सहमति पत्र और रिकॉर्ड की कानूनी महत्ता से अवगत कराया गया। डॉक्टर विद्या शेट्टी का विषय युवा डॉक्टरों के लिए विशेष रूप से उपयोगी रहा।
7. हृदय संबंधी जोखिमों को कम करना:
डॉक्टर हिमांशु यादव ने बताया कि नियमित व्यायाम, खानपान में सुधार और समय पर जांच से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियाँ रोकी जा सकती हैं। डॉक्टर पुनीत गुप्ता ने बताया कि अब दिल के मरीजों के इलाज के सारे विकल्प आगरा में मौजूद हैं।
ब्रेस्ट, सर्वाइकल, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग हेतु नई गाइडलाइन्स और उपलब्ध सुविधाओं पर चर्चा की गई। डॉक्टर नवनीत अग्रवाल, डॉक्टर सुरभि गुप्ता, डॉक्टर संदीप अग्रवाल ने गाइडलाइंस पर चर्चा करी ।
9. ट्रॉमा में जीवन कैसे बचाएं–बहु विशेषज्ञ दृष्टिकोण:
डॉ. रनवीर त्यागी एवं डॉक्टर संजय चतुर्वेदी ने बताया कि रोड एक्सीडेंट या अन्य आपात स्थितियों में जीवन बचाने के लिए इमरजेंसी फिजिशियन, सर्जन, ऑर्थोपेडिशियन और न्यूरोलॉजिस्ट का तालमेल आवश्यक है।
ज्ञानवर्धन और आपसी सहयोग का मंच
IMA आगरा के अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने कहा कि यह CME न केवल डॉक्टरों की शैक्षणिक वृद्धि का माध्यम बनी, बल्कि इससे आगरा के चिकित्सा समुदाय को एकजुट होकर आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा मिली।
IMA की साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. दीप्तिमाला ने आयोजन की संपूर्ण रूपरेखा को संचालित किया। डॉक्टर पंकज नगायच ने कहा कि यह ima द्वारा एक नया ऐतिहासिक कदम है जिससे हर डॉक्टर को लाभ मिला है।
डॉक्टर्स डे का समापन एक हर्षोल्लासपूर्ण सांस्कृतिक संध्या से एक जुलाई को सूरसदन में होगा ।
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