एनिमल लवर्स का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन, ज्ञापन, जिलाधिकारी ने जांच के लिए नगर आयुक्त को लिखा

आगरा, 05 जून। निराश्रित पशुओं की सेवा करने वाले नागरिकों के एक समूह ने विगत दिवस नगर निगम के एबीसी संचालकों के खिलाफ कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने उनकी शिकायत सुनने के बाद नगर निगम के आयुक्त अंकित खंडेलवाल से जांच कर कार्रवाई करने को कहा है।
डॉ. रजनी भारती, नीतू गुप्ता, विनीता शर्मा (फीडर), 
पवन, पलक, गरिमा शर्मा, राकेश, रवि, आशु, राकेश चौहान, पंकज सिकरवार और सोनू आदि सुबह हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे तो सभी का ध्यान उनकी ओर गया। पशु प्रेमियों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें शिकायती पत्र सौंपा।
पत्र में आरोप लगाया गया कि नगर निगम द्वारा संचालित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) जलेसर रोड में जानवरों के साथ अमानवीय व्यवहार और गैरकानूनी कार्य किए जा रहे हैं। यह न केवल एबीसी 2023 दिशा- निर्देशों का घोर उल्लंघन हैं, बल्कि पशु कल्याण के सभी मानकों के प्रतिकूल भी हैं।
पत्र में कहा गया कि एबीसी शेल्टर में न वेंटिलेशन है, न पंखे, न स्वच्छ पानी, न भोजन और न ही छांव की व्यवस्था। यह शेल्टर नहीं बल्कि कब्रगाह बन चुका है।
पत्र में आरोप लगाया गया कि विगत एक जून को शाहगंज क्षेत्र से लगभग 35-40 स्ट्रीट डॉग्स को कूड़े की तरह उठाया गया। कैचिंग वैन (UP-31 AT 6270) में बिना टैगिंग के उन्हें 3-4 घंटे तक प्यासा रखा गया। इससे पहले तीन अप्रैल, 2025 को डॉ. रजनी भारती (अंसल कोर्टयार्ड) की देखरेख में रह रहे डॉग्स को नगर निगम ने उठाया, परन्तु अब तक उनकी कोई जानकारी नहीं दी गई। निगम कहता है कि उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं कराया गया। इसी प्रकार छह अप्रैल, 2025 को फ्रेंड्स रॉयल अपार्टमेंट से उठाए गए तनीषा के डॉग्स भी आज तक नहीं लौटे हैं।  31 मई, 2025 को हींग की मंडी से उठाया गया डॉग भी अभी तक लापता है।
जिलाधिकारी को बताया गया कि 19 मई, 2025 को पूर्व केन्द्रीय मंत्री व पीएफए संस्थापक मेनका गांधी द्वारा एबीसी की अमानवीयता पर नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय सिंह से संवाद किया गया था, जिसमें उन्होंने पारदर्शी मॉनिटरिंग कमेटी बनाने की सिफारिश की थी, परंतु डॉ. अजय सिंह ने इसे मानने से मना कर दिया। आरोप है कि डॉ. अजय सिंह द्वारा बार-बार फीडर्स को धमकी दी जाती है कि यदि उन्होंने आवाज़ उठाई तो उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी जाएगी। साथ ही एबीसी को वीवीआईपी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है, जिससे फीडर्स को डॉग्स से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह एबीसी गाइडलाइंस का उल्लंघन है।
पत्र में कहा गया कि अर्जुन नगर और खेरिया मोड़ से हर महीने तीन बार स्ट्रीट डॉग्स को उठाकर बिना किसी रिकॉर्ड या प्रमाण के गायब कर दिया जाता है। जबकि ऐसा कोई प्रोटोकॉल नहीं है कि किसी वीवीआईपी मूवमेंट के कारण डॉग्स को उनके स्थान से हटा दिया जाए। एक जून, 2025 को नगर निगम द्वारा एक मादा डॉग को हाईवे पर छोड़े जाने का वीडियो जारी किया गया। वह मादा डॉग अब तक लापता है, जबकि उसके छोटे-छोटे बच्चे उसके बिना नहीं रह पा रहे हैं। 
पत्र में कहा गया कि 17 अप्रैल, 2025 को एक मादा डॉग को एबीसी शेल्टर में बंधक बनाकर रखा गया था, जिसे फीडर की विज़िट के बाद कैस्पर्स होम की विनीता अरोरा को सौंपा गया। तत्पश्चात एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला गया, जिसमें झूठा दावा किया गया कि वह डॉग पहले से ही उनके पास थी। यह प्रयास पशु क्रूरता से ध्यान हटाने और प्रशासन को गुमराह करने के लिए किया गया प्रतीत होता है। 
पत्र में पुरुषोत्तम बाग, दयालबाग, संजय प्लेस (कोस्मोस मॉल के पास) से डॉग्स को बिना टैगिंग के पकड़े जाने का भी जिक्र किया गया है। पत्र में मांग की गई कि एबीसी जलेसर रोड को तत्काल बंद किया जाए। एक जून, 2025 एवं अन्य तिथियों को उठाए गए सभी डॉग्स को उनके क्षेत्रों में वापस छोड़ा जाए। सभी लापता डॉग्स की जानकारी दी जाए एवं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। फीडर्स को शेल्टर में प्रवेश व अपने डॉग्स से मिलने की अनुमति दी जाए। एबीसी 2023 के सभी दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए। शेल्टर का संचालन किसी प्रमाणित संस्था को सौंपा जाए। डॉ. अजय सिंह एवं अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। पत्र के साथ कई साक्ष्य भी देने का दावा किया गया है।
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