अनाथ हुए भालू के बच्चे को संरक्षण केंद्र में मिला नया जीवन

आगरा, 14 जून। मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा शहडोल के बाहगढ़ गांव से बचाई गई पांच महीने की मादा भालू शावक को वाइल्डलाइफ एसओएस की विशेषज्ञ देखभाल में सुरक्षित आश्रय मिला है। शावक, जिसका नाम जेनी रखा गया है, गंभीर रूप से घायल अपनी माँ के पास देखी गई थी, जो मानव-वन्यजीव संघर्ष की शिकार हुई थी, बाद में गहन उपचार के बावजूद माँ भालू ने गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया। जेनी का वर्तमान में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित आगरा भालू संरक्षण केंद्र में रखरखाव किया जा रहा है, जहाँ उसे चौबीसों घंटे देखभाल मिल रही है।
शहडोल के शांत जंगलों में एक छोटे से भालू के बच्चे के चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थी, क्योंकि उसकी माँ गंभीर रूप से घायल हो गई थी। वन विभाग के गहन प्रयासों के बावजूद माँ की मृत्यु हो गई। जंगल में अकेले जीवित रहने की बहुत कम संभावना के साथ, अनाथ शावक को देखभाल के लिए मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा वाइल्डलाइफ एसओएस के आगरा भालू संरक्षण केंद्र भेज दिया गया।
आगमन पर, उसमें पाचन संबंधी परेशानी के स्पष्ट लक्षण दिखाई दिए। जेनी को कब वीनिंग यूनिट में रखा गया, जहाँ संस्था की पशु चिकित्सा टीम ने उसकी स्थिति को स्थिर करने के लिए सावधानीपूर्वक, चौबीसों घंटे देखभाल की व्यवस्था शुरू कर दी। इस शावक का नाम अभिनेत्री जेनिफर विंगेट के नाम पर जेनी रखा गया है। अब उसमें सुधार के संकेत दिख रहे हैं। उसे दिन में दो बार विशेष दूध का फॉर्मूला दिया जा रहा है और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का उस पर अच्छा असर हो रहा है। जेनी की भूख में काफी सुधार हुआ है और उसका वजन भी लगातार बढ़ रहा है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, "इस युवा शावक ने इतनी कम उम्र में बहुत बड़ा आघात सहा है। वन विभाग द्वारा समय पर की गई कार्रवाई और हमारी टीम के समर्पण के कारण, जेनी को जीवन का दूसरा मौका मिला है।"
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