राज बब्बर ने लघु फिल्म "तलाक अब नहीं" को सराहा, आगरा के कलाकारों की प्रशंसा, नहीं दिखे फिल्म के निर्देशक
आगरा, 22 दिसम्बर। फिल्म अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर ने रविवार को यहां लघु फिल्म "तलाक अब नहीं" देखने के बाद कहा कि फिल्म एक अच्छे उद्देश्य को लेकर बनाई गई है। शहर के कलाकारों ने भी इसमें अपनी पूरी प्रतिभा दिखाने का प्रयास किया है। इस प्रकार की फिल्में समाज को संदेश देने का कार्य करती हैं।
राज बब्बर होटल पीएल पैलेस में रविवार की शाम इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद "न्यूज नजरिया" से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहर के फिल्म निर्माता-निर्देशकों ने फिल्म के माध्यम से समाज को दिशा देने का प्रयास प्रशंसनीय है।
इससे पहले उन्होंने प्रोजेक्टर स्क्रीन पर 45 मिनट की इस लघु फिल्म का अवलोकन किया। यह कार्यक्रम जयपुर हाउस आवासीय वैलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित किया गया था। प्रारंभ में मुख्य अतिथि राज बब्बर का स्वागत करते हुए समाजसेवी पीएल शर्मा ने कहा कि फिल्में समाज का दर्पण होती हैं। वर्तमान में तलाक गम्भीर समस्या बन चुकी है। ऐसे ज्वलंत विषय उठाने के लिए फिल्म निर्माता बधाई के पात्र हैं। फिल्म निर्माता रंजीत सामा ने बताया कि फिल्म गाजियाबाद के परिवार की सच्ची घटना पर आधारित है। सभी कलाकार आगरा के हैं। उन्होंने अगली फिल्म दहेज अब नहीं बनाने की भी घोषणा की। अध्यक्षता जयपुर हाउस आवासीय वैलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अनिल वर्मा एडवोकेट ने की। विशिष्ट अतिथि घनश्याम अग्रवाल व सरजू बंसल थे।

इस अवसर पर मुख्य रूप से कार्यक्रम संयोजक मुकुल गर्ग, गिर्राज बंसल, किशोर खन्ना, पूरन डाबर, नारायण दास, सतेन्द्र तिवारी, मनीष शर्मा, राहुल आर्य, प्रदीप सरीन, सरदार मंजीत सिंह, विजय सहगल, यश गांधी, रेनू गुप्ता, जय गुप्ता, नेशनल चैंबर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता, उपाध्यक्ष अम्बा गर्ग, अशोक अरोड़ा, मुकेश नेचुरल, अशोक चौबे, हरनारायण चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।
नहीं दिखे फिल्म के निर्देशक
कार्यक्रम में फिल्म के निर्देशक की कमी खली। हालांकि कार्यक्रम का संचालन कर रहे मुकुल गर्ग ने उनका नाम मंच पर आसीन होने के लिए पुकारा। लेकिन वे नजर नहीं आए।
___________________________________
Post a Comment
0 Comments