जेल में चल रही थी रामलीला, वानर बने दो कैदी माता सीता की खोज के बहाने दीवार फांद कर भाग निकले || जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूले, पुलिस खोज में जुटी

हरिद्वार, 12 अक्टूबर। यहां जेल में रामलीला के मंचन के दौरान वानर का रूप धरे दो कैदियों के माता सीता की खोज के नाम पर दीवार फांद कर फरार हो जाने का मामला सामने आया है। कैदियों के फरार होने की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। देर रात तक जेल प्रशासन अपने स्तर पर कैदियों को तलाश करता रहा। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए। मगर कैदियों का पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। 
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, घटना रोशनाबाद जेल की है। जेल आठ से दस एकड़ में फैली है। यहां करीब 1400 कैदी बंद हैं। हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमेंद्र डोभाल ने जेल का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई कि कैदी जेल परिसर से कैसे फरार हो गए। उन्होंने इसे जेल प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि इसकी विभागीय और मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, सुबह छह बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर दो कैदियों के फरार होने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में दबिश डाली, लेकिन दोनों का पता नहीं चला। सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों कैदियों की तलाश की जा रही है।
बताया गया है कि रामलीला मंचन के दौरान शुक्रवार रात दोनों कैदी वानर का रोल निभा रहे थे। माता सीता की खोज का प्रसंग चल रहा था। वानर-सेना सीता की खोज के लिए निकली थी। मौका मिलते ही दोनों कैदी निर्माणाधीन हाई-सिक्योरिटी बैरक के पास पहुंचे। वहां रखी सीढ़ी के सहारे 22 फीट ऊंची दीवार फांदकर भाग गए। जेल के अफसरों को घटना का पता उस वक्त चला, जब कैदियों को गिनती हुई। इसके बाद रातभर खोजबीन हुई, लेकिन दोनों कैदियों का पता नहीं चला।
कैदियों की पहचान उत्तराखंड के रुड़की निवासी पंकज और यूपी के गोंडा के रहने वाले राजकुमार के रूप में हुई। पंकज हत्या के केस में उम्रकैद की सजा काट रहा था। राजकुमार अपहरण के मामले में विचाराधीन है।
एक कैदी ने बताया, जब दोनों कैदी भागे, उस वक्त जेल प्रशासन के कर्मचारी रामलीला देखने में व्यस्त थे। दोनों कैदी सीढ़ी लगाकर जेल से फरार हुए। कैदियों की एक्टिविटी कई दिनों से संदिग्ध लग रही थी। 
हरिद्वार जेल में चार वर्ष से रामलीला हो रही है। मंचन करने वाले सभी जेल के कैदी होते हैं। जेल प्रशासन कैदियों को रिहर्सल भी करवाता है। नवरात्र पर्व पर दस दिवसीय रामलीला का आयोजन होता है।
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