... तो अल्ट्रासोनिक मशीन से भाग जाएंगे बंदर! अभी प्रायोगिक तौर पर लगेगी एक मशीन, प्रयोग सफल रहा तो ताजमहल के सभी बैरियर पर लगेंगी
आगरा, 23 सितंबर। ताजमहल परिसर से बंदरों को भगाने के लिए अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीन लगाने की योजना जरूर बना ली गई है। लेकिन देखना होगा कि यह मशीन कितनी कारगर हो पाएगी। दावा किया जा रहा है कि तेज अल्ट्रासोनिक साउंड से बंदर भाग जाते हैं।
पर्यटन पुलिस ने अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीनों की ध्वनि तरंगों से बंदरों को भगाने की योजना बनाई है। ताजमहल के चारों तरफ 11 पुलिस बैरियर है। हर बैरियर पर एक अल्ट्रासोनिक मशीन लगाई जाएगी। इससे निकलने वाली ध्वनि तरंगों से बंदर नहीं आएंगे। फिलहाल, एक मशीन से ट्रायल शुरू होगा। सफल रहा तो सभी 11 बैरियर पर मशीन लगाई जाएंगी। यह अल्ट्रासोनिक ध्वनि तरंगें इंसानों को सुनाई नहीं देती हैं।
एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने बताया कि मशीनों की खरीद ऑनलाइन होगी। रिवाल्विंग फंड से मशीनों का भुगतान किया जाएगा। अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीन की रेंज 3500 वर्ग फीट या 325 वर्ग मीटर क्षेत्र में होगी। मशीन से निकलने वाली ध्वनि तरंगों को पर्यटक नहीं सुन पाएंगे लेकिन बंदरों के कानों पर इसका असर पड़ेगा। बंदर तरंगों की रेंज में नहीं आएंगे।
अल्ट्रासोनिक रिपेलर मशीन बंदर के साथ ही जंगली जानवरों को भगाने के काम आती हैं। इस मशीन से अल्ट्रासोनिक ध्वनि तरंगे निकलती हैं, ये 3500 वर्ग फीट क्षेत्र तक फैलती हैं। एक सेकंड में 60 बार ध्वनि तरंगों की आवृत्ति बदलती है। बंदरों को भगाने के लिए 10 से 25 किलोहर्ट्ज तक की आवृत्ति का इस्तेमाल किया जाता है। यह लगातार बदलती रहती हैं इसलिए बंदरों को लगता है कि इस क्षेत्र में जाना ठीक नहीं है, यहां लोग सतर्क हैं और उन्हें पकड़ सकते हैं। कुछ दिन बाद ही जिस जगह इस मशीन को लगाया जाता है वहां बंदर आना बंद कर देते हैं।
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