एटीएम उखाड़ ले जाने वाले तीन गिरफ्तार, गूगल मैप की मदद से करते थे वारदात
आगरा, 14 फरवरी। थाना कागरौल क्षेत्र में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के एटीएम को उठाने और उसमें से लगभग 30 लाख रुपये उड़ाने वाले तीन शातिरों को आखिरकार पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस को इन शातिरों तक पहुँचने में 38 दिन लगे गए। यह गैंग गूगल तकनीक की मदद लेकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया करता था। आरोपियों से कैश, मोबाइल और कार बरामद हुई हैं।
बुधवार को पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता आयोजित कर डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि बीती आठ जनवरी को कागारौल स्थित एसबीआई शाखा से शातिर चोर आधी रात को पूरा एटीएम चोरी कर ले गए थे। उसमे करीब 30 लाख कैश था। थोड़े दिन बाद एटीएम पास की सिकरौदा नहर में पड़ा मिला था, लेकिन उसमें से पूरा कैश गायब था। उन्होंने बताया कि इस चोरी की वारदात को अंजाम राजस्थान के एक पेशेवर गैंग ने दिया था। जिसके तीन सदस्य पुलिस ने गिरफ़्तार किए। उनका नाम संतोष सैनी, नरेश उर्फ दिनेश मीणा और विष्णु कुमार सैनी हैं। इनके चार साथी अभी भी फरार हैं, उनकी तलाश जारी है। इनके पास से तीन लाख, 67 हज़ार कैश, तीन मोबाइल फोन और एक कार बरामद हुई। सभी के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। गैंग ने राजस्थान में भी इसी तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि चोर भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं। पकड़े गए शातिर चोरों ने पूछताछ में बताया कि चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए एक महीने पहले प्लानिंग बना ली जाती थी। गूगल मैप पर टोल रोड अवॉयड फंक्शन का इस्तेमाल कर गांव और देहात के मार्गों का इस्तेमाल किया जाता था। जिससे टोल पर लगे सीसीटीवी में कैद न हो सकें। कागारौल से एटीएम चोरी करने के बाद गूगल मैप की सहायता से ही सिकरौदा नहर वाले रास्ते से भाग निकले थे। जहां से सभी बदमाश राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर गए थे। पुलिस को उनके बाकी चार फरार साथियों की तलाश है।
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