बढ़ती बीमारी के साथ बढ़ रहा मिठाई का प्रचलन --- आज ‘नेशनल डिजर्ट डे' पर विशेष ---

------नजरिया-------
लेखक -राजीव गुप्ता लोकस्वर 
पूरे विश्व हर खुशियों की शुरुआत मीठे से होती है। मीठा हर वर्ग, स्थान जाति और आयु को पसंद होती हैं यह अलग बात है कि वह किस रूप में मिठाई का सेवन करता है। खासकर बच्चों को चॉकलेट तो युवाओं को आइसक्रीम और बुजुर्गों को मिठाई के रूप में कहीं न कहीं मीठा पसंद होता ही है। भारतीयों को हर किस्म के फ्रूट, क्रीम, चोकलेट, केक, आइसक्रीम घर की बनी कतली से लेकर सोने से बनी मिठाई पसंद होती हैं और इसके बिना उनका भोजन अधूरा माना जाता है। 
दुनियाभर के मीठे के शौकीन लोगों के लिए हर साल 14 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘नेशनल डिजर्ट डे' मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत कैसे हुई इसकी सटीक जानकारी नहीं है। हालांकि लोग इसे बड़े ही शौक से सेलिब्रेट करते हैं। भारतीयों की मिठाई की आदत के कारण हर रसोईघर से लेकर हर एक हजार मीटर पर मिठाई की दुकानें सजी मिल जाती हैं। 
लेकिन हम ही रोज खा के, खिला के सेलिब्रेट करते हैं।
मिठाइयों को हमारे संस्कृति में भी बहुत ही जरूरी माना गया है। हर दिन भगवान के भोग से लेकर पूजा में, हवन-अनुष्ठान में, खुशियों में, दुःख के बाद या नई शुरुआत में, पार्टी में मीठा जरूरी है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में मीठा लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। मीठा खाना कुछ लोगों के लिए तृप्ति से जुड़ा है। मीठे के बिना उन्हें खाना अधूरा लगता है। मिठाई की शुरुआत कब हुई इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार प्राचीन इजिप्ट में मिठाई बनने के सबसे पुराने सबूत मिले हैं। उस समय लोग खजूर और शहद से मिठाइयां बनाते थे। वहीं ‘पाई’ या पेस्ट्री बनाने की शुरुआत प्राचीन ग्रीस से जुड़ी है। माना जाता है कि ग्रीस में ही सबसे पहले फलों से भरी पेस्ट्री बनाई गई। मीठा खाना कुछ लोगों के लिए तृप्ति से जुड़ा है।
अगर विरोधाभास न हो तो क्या मजा
मीठा भोजन का हिस्सा है या नहीं, अगर है तो क्या पानी की तरह पहले इसे खाने से पहले खाना चाहिए या बाद में, इसे लेकर अक्सर लोग असमंजस में रहते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मीठा खाने से पहले खाना चाहिए। वहीं कुछ का बोलना है कि इसे बाद में खाना अच्छा रहता है। हालांकि कई डॉक्टर कहते मीठा हमेशा सीमित खाना सेहत हेतु अच्छा रहता है।ज़्यादा मीठा मोटापे, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार मीठा हमेशा भोजन से पहले करना चाहिए। दरअसल, अन्य खाद्य पदार्थों के मुकाबले मीठे को पचने में अधिक समय लगता है। इसलिए खाने से पहले मीठा खाने से पाचन क्रिया तेज हो जाता है। इतना ही नहीं मीठा आपके सुआद को भी गति देता है, जिससे आपको खाने का स्वाद ज्यादा आएगा। जब हम खाने से पहले मीठा खाते हैं तो यह आसानी से पच जाता है। आयुर्वेद के अनुसार खाने के बाद मीठा खाने से पाचन प्रक्रिया कम हो जाती है। जिससे गैस, एसिडिटी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। परंतु अक्सर आपने लोगों को खाने के बाद मीठा खाते देखा होगा, वहीं आजकल खाने के बाद आइसक्रीम खाने का चलन है, जो बहुत ही खतरनाक है। जब हम खाना खाते हैं तो उसे पचाने के लिए पेट में डाइजेस्टिव फायर बनती है। लेकिन ठंडी आइसक्रीम इस पाचन आग को शांत कर देती है, जिससे पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
ख़ैर पहले खाएं या बाद में, पर आज मिठाई ज़रूर खाएं और खिलाएं। चाहे कलकत्ता का रसोगुल्ला हो या मैसूर पाक या पंजाब का पिन्नी लड्डू या विश्व लड्डू। मिठाई घर की हो या रावतपाड़े की, चाहें आगरा की अन्य जगह की या दिल्ली के प्रसिद्ध मिठाई वाले की।दोस्तों को पक्का कर लो और दुश्मन को लगा लो गले खिला कर मिठाई।
Email rajeevsir.taj@gmail.com
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