अब गिरफ्तार भी हुई बच्ची को पीटने वाली अधीक्षिका

- बाल सुधार गृह के कर्मचारियों ने लगाए कई गम्भीर आरोप
- बच्चों को आए दिन पीटती थीं और समुचित इलाज भी नहीं कराती थीं
- एक बच्चे की हो चुकी मौत, एक अन्य ने किया था सुसाइड का प्रयास
आगरा, 14 सितम्बर। राजकीय बाल सुधार गृह में बच्ची को चप्पल से पीटने वाली अधीक्षिका पूनम पाल को अब गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उन्हें पद से हटाते हुए निलंबन पहले ही कर दिया गया था। अब मुकदमा दर्ज करते हुए शाहगंज पुलिस ने अधीक्षिका को गिरफ्तार कर लिया। उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति भी बनाई गई है।
पचकुइयां पर राजकीय बाल सुधार गृह की अधीक्षिका पूनम पाल का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह पलंग पर सो रही बच्ची को चप्पल से पीटते हुए दिख रही थीं। वीडियो वायरल होने के बाद डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने उन्हें पद से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया। मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी ने अधीक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात कही थी। इसके बाद रात को शाहगंज थाने में पूनम पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस बीच अधिकारियों ने बाल सुधार गृह के कर्मचारियों से रात को पूछताछ की। उनके मोबाइल चेक किए गए।
बाल सुधार गृह की आया कविता कर्दम, बेबी, दीपाली और रसोइया सुनीता ने अधीक्षिका पर बच्चों के साथ मारपीट करने और कर्मचारियों को परेशान करने के साक्ष्य सहित गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अधीक्षिका की लापरवाही और बच्चे के प्रति संवेदनहीनता के चलते अक्सर बच्चे बीमार रहते हैं। आए दिन बच्चों को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती करना पड़ता है। उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर नहीं भेजा जाता। रुद्र नाम का एक बच्चा एक महीने तक एसएन में वेंटिलेटर पर रहा। इसके बाद भी उसे हायर सेंटर नहीं भेजा गया।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अधीक्षिका के कार्यकाल में 18 सितंबर, 2022 को नंदिनी नाम की एक बालिका की बीमारी के चलते और उचित समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो चुकी है। वहीं, अभी कुछ दिन पहले एक बच्ची ने इनकी प्रताड़ना से परेशान होकर अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड करने का प्रयास किया था। जानकारी होने पर समय रहते बच्ची को कर्मचारियों ने बचा लिया। इसके बाद अधीक्षिका ने उस बच्ची बुरी तरह से पीटा था।
महिला कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अधीक्षिका द्वारा बाल सुधार गृह में रहने वाले दिव्यांग बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के हाथ पैर बांधकर उन्हें फर्श पर डाल देती हैं। बच्चे घंटों तक फर्श पर तड़पते रहते हैं। इतना ही नहीं वो बच्चों से अपने घर का काम करवाती हैं। उनसे अपने पैर दब वाती हैं। 
___________________________

ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

0 Comments