मुकेश अग्रवाल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

- नेशनल चैंबर के स्थापना दिवस पर 25 साल पुराने पांच सदस्यों का भी सम्मान
आगरा, 13 अगस्त। नेशनल चेंबर ने आज अपना 75वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। फतेहाबाद रोड स्थित एक बैंक्वेट हॉल में हुए कार्यक्रम में वर्ष 2011-12 कार्यकाल के पूर्व अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने उनकी उल्लेखनीय सेवाओं का वर्णन किया और उनके जीवन पर भी प्रकाश डाला। मुकेश अग्रवाल सिकंदरा फैक्ट्री ओनर्स एसोसियेशन के भी अध्यक्ष हैं।
कार्यक्रम में 25 वर्ष से निरंतर सदस्यता वाले उपस्थित पांच सदस्यों को सम्मानित किया गया। सम्मानित किये जाने वालों में गोविंद प्रसाद सिंघल, संदीप जैन, फ़िरोज़, राकेश लूथरा व हरी शंकर अग्रवाल शामिल थे। चैम्बर की सदस्या सबीहा खान ने "घर-घर झंडा" का सन्देश देते हुए 30 तिरंगे चैम्बर को उपलब्ध कराये। 
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने कहा कि आज हमारे पास ऐसे उद्यमी हैं जिन्हें देश-विदेश में जाना जाता है। सरकार उद्यमियों के साथ हैं। विधायक डॉ धर्मपाल सिंह ने कहा कि शहर के विकास के लिए चैंबर सदैव प्रयास करता रहा है। बड़ी समस्यायों के लिए हम जनप्रतिनिधियों को सामूहिक रूप से प्रयास करना चाहिए। विधायक डॉ जी एस धर्मेश ने भी शुभकामनाएं दीं। एमएलसी विजय शिवहरे ने नेशनल चैंबर की गतिविधियों की सराहना की। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि नेशनल चैंबर द्वारा औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के साथ-साथ  जनहित के कार्य भी किए जाते हैं, यह बड़ी बात है। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश गोयल ने और संचालन पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल एवं अनिल वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व अध्यक्ष शलभ शर्मा ने दिया।
डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुआ कार्यक्रम तो लोगों का रुख बदला
चैंबर का स्थापना दिवस समारोह अपने निर्धारित समय से डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुआ। विशिष्ट अतिथियों के देरी से आने पर चैंबर पदाधिकारियों ने सायं 6.35 बजे कार्यक्रम शुरू कर दिया। इसके बाद एक-एक कर अतिथियों का आना शुरू हो गया। कार्यक्रम शुरू हुए बमुश्किल पंद्रह मिनट ही हुए थे कि अधिकांश लोग चाट-पकौड़ी के लिए उठ गए। दर्शक दीर्घा लगभग खाली हो जाने पर संचालक को भी पूछना पड़ा कि क्या दस मिनट के लिए "चाट-ब्रेक" कर दिया जाए? लेकिन फिर सहमति बनी कि कार्यक्रम जारी रखा जाए। मंचासीन अतिथियों के बोलने का क्रम चल रहा था और सामने की कुर्सियों से अधिक लोग चाट-पकौड़ी के बाद दाल-बाटी की मेज-कुर्सियों पर जम चुके थे। मंचासीन वक्ताओं की ओर से उनका ध्यान हट चुका था। वक्ताओं ने भी स्थिति को भांपते हुए संक्षिप्त में अपने-अपने भाषण समाप्त किए और फिर दाल-बाटी का लुत्फ लिया।
पांच ही पुराने सदस्य पहुंचे सम्मान लेने
आयोजकों द्वारा पहले बताया गया था कि 25 साल पुराने करीब एक दर्जन सदस्यों को सम्मानित किया जाना है। लेकिन आज केवल पांच ही लोग सम्मान समारोह में शामिल हुए।
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