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बाईं का बाजार मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा खंडित की
आगरा, 13 जुलाई। थाना सिकंदरा क्षेत्र के बाईं का बाजार में बने मंदिर में कुछ अराजक तत्वों द्वारा हनुमान जी की प्रतिमा खंडित करने पर माहौल गर्मा गया। सुबह लोगों ने प्रतिमा टूटी देखी तो आक्रोश फैल गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। जल्द नई प्रतिमा स्थापित कराने का आश्वासन दिया गया।
सिकंदरा थाने से थोड़ा आगे बाईं का बाजार में करीब तीस साल पुराना मंदिर है। विगत रात किसी समय शरारती तत्व द्वारा हनुमान जी प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। प्रतिमा को तोड़ने के बाद उसके अवशेष भी ले गए। सुबह जब लोग पूजा करने मंदिर गए तो खंडित प्रतिमा देखी। थोड़ी देर में पूरे क्षेत्र में सूचना फैल गई। लोग मंदिर पर पहुंच गए। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।
पुलिस भी मौके पर आ गई। लोग प्रतिमा खंडित करने वाले को पकड़ने की मांग करने लगे। पार्षद वेद प्रकाश भी पहुंच गए। पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया। नई प्रतिमा लगवाने और जल्द आरोपी को पकड़ने की बात कही। नई प्रतिमा लेने के लिए लोगों को भेजा गया है। जल्द ही प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी।
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खुले में पड़े मिले विश्वविद्यालय की कॉपियों के बंडल
आगरा, 13 जुलाई। डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा कॉपियों के साथ लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है।
विश्वविद्यालय की परीक्षा होने के बाद जिन परीक्षा कॉपियों को एक प्रक्रिया के तहत नष्ट किया जाता है। साथ ही नष्ट करने से पहले कॉपियों को गोपनीय तरीके से रखना होता है। उन्हीं कॉपियों के साथ बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। परीक्षा कॉपियों के बंडल खुले में पड़े हुए हैं।
इसका फोटो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि फोटो वायरल होने के बाद कर्मचारियों द्वारा बंडलों को कुछ थैलों में रखवा दिया गया, लेकिन फिर भी यह थैले खुले में ही पड़े हुए हैं।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की खंदारी स्थित गृह विज्ञान कैंपस में करीब 2014 परीक्षा वर्ष की कॉपियां कूड़े में पड़ी हुई हैं। कॉपियों के बड़े-बड़े बंडल गंदगी के बीच फैले हुए हैं, लेकिन इन्हें देखने वाला कोई भी नहीं है। जबकि परीक्षा होने के बाद कॉपियों को गोपनीय तरीके से और सावधानी से संभालकर रखा जाता है। जब तक कि यह कॉपियां नष्ट न कर दी जाएं।
विश्वविद्यालय में परीक्षा होने कुछ सालों बाद उस वर्ष की परीक्षा कॉपियां नष्ट की जाती हैं। जिसके लिए एक समिति बनाई जाती है और पूरी प्रक्रिया के तहत इन कॉपियों को नष्ट किया जाता है। जिन कॉपियों पर कोई विवाद या कोई जांच चल रही हो, उन्हें नष्ट नहीं किया जाता है। वायरल फोटो 10 से 12 दिन पहले का है, लेकिन अभी भी कॉपियो के बंडल को थैले में रखकर उन थैलों को खुले में ही छोड़ दिया गया है।
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फोर्ट रेलवे स्टेशन के रेस्टोरेंट की छत का हिस्सा गिरा 
आगरा। यहां फोर्ट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बने कमसम रेस्टोरेंट की छत का एक हिस्सा गिर पड़ा। गनीमत रही कि जिस समय हादसा हुआ, उस समय रेस्टोरेंट में कोई यात्री नहीं था। प्लास्टर गिरने से रेस्टोरेंट में काफी नुकसान हुआ। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
फोर्ट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर कमसम रेस्टोरेंट है। रेस्टोरेंट में बड़ी संख्या में यात्री खाना खाते हैं। बताया गया है कि जिस जगह पर रेस्टोरेंट है, वह काफी पुरानी है। रेस्टोरेंट संचालक ने फॉल्स सीलिंग लगवा रखी थी। मंगलवार सुबह अचानक छत का प्लास्टर गिर पड़ा। इससे फॉल्स सीलिंग भी नीचे गिर गई। आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे, तो मलबा पड़ा हुआ देखा। इसी बीच कुछ लोग उसका वीडियो बनाने लगे। वीडियो बनाते समय फिर से छत के दूसरे हिस्से से प्लास्टर उखड़ कर नीचे गिर पड़ा। गनीमत रही कि उस समय रेस्टोरेंट में कोई भी यात्री नहीं था।
आगरा फोर्ट स्टेशन अधीक्षक आरसी मीना ने बताया, पिछले दिनों हुई बरसात से छत पर पानी भरने से सीलन के कारण प्लास्टर गिराने की आशंका है। बिल्डिंग भी काफी पुरानी है। ऐसे में रेस्टोरेंट को शिफ्ट कर रिपेयरिंग कराई जाएगी। हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ।
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पैथोलॉजी, क्लीनिक सील, अस्पताल पर रोक
आगरा 13 जुलाई। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शमसाबाद थाना क्षेत्र में जीएस पैथोलॉजी लैब, नीलम हेल्थ क्लीनिक को सील कर दिया है। इनको झोलाछाप चला रहे थे।
इनके पास लाइसेंस और अग्निशमन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बायोमेडिकल वेस्ट समेत अन्य विभागों की एनओसी भी नहीं थी। इनके यहां कोनों में बायो मेडिकल वेस्ट बिखरा हुआ था। इनकी शिकायत भी मिली थी। न्यू राधिका हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं होने पर मरीज भर्ती पर रोक लगा दी है। इन तीनों के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी है। 
अपंजीकृत अस्पताल सेल के नोडल प्रभारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि जीएस पैथोलॉजी लैब पंजीकृत नहीं है। यहां जांच करने की मशीन और स्लाइड मिली। बायोमेडिकल वेस्ट पॉलिथीन और कार्टन में भरा हुआ था। यहां डेंगू, मलेरिया, एचआईवी, हीमोग्लोबिन, सीबीसी समेत कई तरह की जांच हो रही थीं। संचालक ने बताया कि डॉ. सीपी गुप्ता के नाम से लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। टीम ने कहा कि लाइसेंस नहीं होने पर जांच कैसे की और कौन जांच कर रहा था। इस पर वह चुप्पी साध गया। 
नीलम हेल्थ क्लीनिक भी बिना लाइसेंस के चल रही थी। इसकी संचालक नीलम थी। ये घर में चल रहा था। कमरे में डिलीवरी टेबिल, ग्लब्स समेत अन्य उपकरण मिले। पूछताछ में पता चला कि ये किसी निजी अस्पताल में सफाईकर्मी थी, फिर आया का कार्य करने लगी। अब खुद ही प्रसव कराती थी। गर्भपात कराने की भी आशंका है। कमरे में बायोमेडिकल वेस्ट मिला। पूछने पर खुद के नाम से लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
न्यू राधिका हॉस्पिटल में छापे के वक्त यहां एक प्रसूता भर्ती मिली। इसको खून चढ़ाया गया था। टीम ने तीमारदार से पूछा कि कौन से डॉक्टर इलाज कर रहे हैं और खून किसने चढ़ाया। वह नहीं बता पाए। संचालक भूपेंद्र सिंह मिला। अस्पताल पंजीकृत है, डॉक्टर नहीं मिला। अस्पताल में पांच बेड मिले। अग्निशमन उपकरण भी एक्सपायर्ड थे। स्टाफ भी प्रशिक्षित और क्वालीफायड नहीं मिला। 
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