शाम सात बजे तक पौन फीट और बढ़ी यमुना! चंबल और उटंगन नदी में भी उफान
आगरा, 05 सितम्बर। हरियाणा, दिल्ली और मथुरा के बैराजों से निरन्तर पानी छोड़े जाने और बारिश जारी रहने के कारण यमुना का बढ़ता जलस्तर नदी किनारे रहे लोगों को डरा रहा है। निचले इलाकों में यमुना का पानी घुसना शुरू हो गया है। देहात में भी पचास गांवों के हजारों निवासी खतरे की जद में हैं।
वाटर वर्क्स पर नदी का जलस्तर शुक्रवार की शाम सात बजे तक 498.19 फीट पहुंच गया, यानि गुरुवार से इसमें करीब पौन फीट की वृद्धि हो चुकी है। गुरुवार की शाम चार बजे यमुना का जलस्तर 497.52 फीट था। सिंचाई विभाग के अनुसार, आगरा में वाटर वर्क्स पर यमुना का अलर्ट स्तर 496.7 फीट, खतरे का स्तर 500 फीट और हाई फ्लड स्तर 507.74 फीट है। गोकुल बैराज से शुक्रवार की सायंकाल 1,22,459 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया।
खबरों के मुताबिक, ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया है। ताजमहल के पीछे गार्डन में पानी भर चुका है। बटेश्वर में यमुना किनारे के मंदिरों में पानी पहुंचने लगा है। इसके साथ ही तटीय क्षेत्रों में कृष्णा कॉलोनी जीवनीमंडी के पास तक पानी पहुंच गया है। ताजगंज श्मशान घाट पहले ही डूब चुका था, पोइया घाट मोक्षधाम में पानी के बीच में अंतिम संस्कार किए गए। मेहताब बाग में दक्षिण-पूर्वी बुर्जी के किनारे से पानी अंदर पहुंचा है। उधर आगरा किला के सामने स्थित कारिडोर पर यमुना का पानी किनारे-किनारे भर गया है। ताजमहल के पार्श्व में दशहरा घाट के ऊपर यमुना का पानी बह रहा है।
बढ़ते जलस्तर से यमुना किनारे की शहर और देहात की करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित हो सकती है इसे देखते हुए अधिकारियों की डयूटी लगाई गई है। यमुना किनारों पर बैरिकेडिंग कर यमुना में जाने से रोका जा रहा है।
यमुना की बाढ़ से एत्मादपुर, सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र में 40 से अधिक गांव प्रभावित हैं। प्रशासन ने फिलहाल 18 गांव चिह्नित किए हैं जिनमें बाढ़ का खतरा अधिक है। यहां लोगों को घर छोड़ना पड़ सकता है। इनमें रहनकला, बुढ़ाना, नगला कटा, शाहिदपुर, वीरपुरा, पारौली, बिचौला, गिदरौन, भरापुरा, नगला धीमर, नगला पैमा, नगला तल्फी, नाहरगंज समेत 18 गांव शामिल हैं।
उधर चंबल नदी के जलस्तर में भी तीसरी बार बढ़ोतरी हो रही है। तीन मीटर की बढ़ोतरी के साथ जलस्तर 125.80 मीटर पर पहुंच गया। कोटा बैराज से लगातार चंबल में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में जलस्तर में दो से चार मीटर तक और बढ़ोतरी हो सकती है। इससे तटवर्ती गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। इससे पहले पिछले माह चंबल नदी में आई बाढ़ ने बाह तहसील के 25 से अधिक गांवों में तबाही मचाई थी।
उटंगन नदी का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खेरागढ़ तहसील के कुल्हाड़ा सहित दो मार्ग में पानी भरा हुआ है। इससे किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में जलस्तर में दो से पांच मीटर की और बढ़ोतरी होगी।
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