हजारों हाथों ने उठाया यमुना को फिर से जीवंत करने का बीड़ा
आगरा, 08 जून (बृज खंडेलवाल) । कभी आगरा की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना नदी वर्तमान में जीवन और मृत्यु के बीच झूलती एक व्यथित कथा बन चुकी है। काले-भूरे जल की सतह पर तैरता प्लास्टिक, किनारों पर जमी बदबूदार सिल्ट और गाद, और हर ओर फैला कचरा— यह वही यमुना है जो कभी ताजमहल की पवित्र छाया में शांत और गर्व से बहती थी। लेकिन आज उसका यह रूप, न केवल पर्यावरणविदों को, बल्कि हर जागरूक नागरिक को भीतर तक झकझोर देता है।
यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, यह आगरा की सांसों में बसी एक सभ्यता है, जिसका प्रवाह अब कचरे और नालों के गंदे पानी में थमने को है। यह स्थिति केवल शर्मनाक ही नहीं, खतरनाक भी है। यदि अभी नहीं चेते, तो यह नदी इतिहास की एक पीली तस्वीर बनकर रह जाएगी।
एक नई उम्मीद
इन्हीं चिंताओं के बीच, रविवार की सुबह यमुना आरती स्थल पर रिवर कनेक्ट कैंपेन और आगरा नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में एक वृहद सफाई अभियान चलाया गया। यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक पहल नहीं थी — यह यमुना की पीड़ा को समझने और उसे दूर करने का एक जमीनी प्रयास था। सैकड़ों स्कूली बच्चे, स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने हाथों में झाड़ू, टोकरी और कचरा थैले लिए यमुना की तलहटी की गंदगी हटाने में पूरी शक्ति लगा दी। नगर निगम के सफाईकर्मी और अधिकारी भी इस मुहिम में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चले। कोई किनारे की सिल्ट निकाल रहा था, कोई पॉलीथिन और प्लास्टिक को हटाने में लगा था।
नेतृत्व और नागरिक भागीदारी
अभियान का नेतृत्व मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह, नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल और सहायक नगरायुक्त अशोक गौतम ने किया। रिवर कनेक्ट कैंपेन के मार्गदर्शक ब्रज खंडेलवाल, पद्मिनी, डॉ. शम्मी कालरा, पवन गुप्ता, राकेश गुप्ता, क्षेत्रीय पार्षद अनुराग चतुर्वेदी और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अभियान को जनांदोलन का रूप दिया। इंडिया राइजिंग जैसी संस्थाएं और स्कूलों के बच्चों ने यमुना को फिर से जीवन देने का बीड़ा उठाया।
एक ही दिन में करीब 25 ट्रैक्टर कचरा नदी किनारे से हटाया गया। बच्चों के चेहरे पर संतोष की मुस्कान और बड़ों की आंखों में उम्मीद की चमक थी। अभियान के दौरान रिवर कनेक्ट के संयोजक ब्रज खंडेलवाल ने नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को यमुना किनारे बनाए गए एक कुंड का निरीक्षण कराया, जिसमें साफ पानी उपलब्ध था। यह दर्शाता है कि स्थायी कुंडों, डिसिल्टिंग और पीरियॉडिक क्लीनिंग जैसे उपाय यमुना के पुनर्जीवन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
नगर आयुक्त ने बताया कि नालों पर ऑटोमैटिक मैकेनिकल बैरियर्स लगाए जा रहे हैं और नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) की योजना पर कार्य शुरू हो चुका है। लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि जब तक गंदे जल के स्रोत बंद नहीं होते, तब तक सफाई के प्रयास सीमित रहेंगे।
यमुना की तलहटी में मनाया जाए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
रिवर कनेक्ट कैंपेन की ओर से प्रस्ताव भी रखा गया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) का आयोजन यमुना तलहटी में किया जाए। यह न सिर्फ स्वच्छता को समर्थन देगा, बल्कि नदी से जनभावनाओं को भी जोड़ेगा। डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा, "यमुना सिर्फ जलधारा नहीं, यह हमारी संस्कृति, जीवन और चेतना का स्रोत है। इसे बचाना सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, यह हर नागरिक का नैतिक दायित्व है।"
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