दस जुलाई को देवशयनी एकादशी, लगेगा शादियों पर चार माह का ब्रेक

आगरा, 21 जून। अगले माह की दस तारीख से मांगलिक कार्यों पर चार महीने का ब्रेक लगने जा रहा है। दस जुलाई को देवशयनी एकादशी से भगवान श्रीहरि विष्णु चार माह शयन करेंगे। दांपत्य सुख देने वाला शुक्र भी अस्त होगा। उससे पहले आठ जुलाई तक सिर्फ आठ शुभ मुहूर्त शेष हैं। 
ज्योतिषियों के अनुसार, विवाह के लिए जून में तीन और जुलाई पांच शुद्ध मुहूर्त हैं। आठ जुलाई को अबूझ मुहूर्त भड़ली (भड़रिया) नवमी पर बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजन होंगे। इस दिन गुप्त नवरात्र का समापन भी होगा। उसके बाद 18 नवंबर तक इंतजार करना पड़ेगा। 
देवशयनी एकादशी 10 जुलाई से देवप्रबोधिनी (देवोत्थान) एकादशी चार नवंबर तक चातुर्मास रहेगा।
देवोत्थान एकादशी अनसूझे वैवाहिक मुहूर्त में शामिल है, लेकिन इस दिवस के तुरंत बाद भी वैवाहिक आयोजन की शुरुआत नहीं होगी। वजह है विवाह के लिए आवश्यक शुक्र ग्रह का अस्त होना। शुक्र 30 सितंबर से 18 नवंबर तक 49 दिन अस्त रहेगा। विवाह मुहूर्त 19 नवंबर से हैं। नवंबर में छह और दिसंबर में पांच विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 
देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी (देवोत्थान) एकादशी तक चातुर्मास माना जाता है। इन चार महीनों में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन सहित कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं। चातुर्मास में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन व कार्तिक मास आते हैं। यह समय मांगलिक कार्यों से इतर धर्म-ध्यान और संतों की सेवा के लिए उपयुक्त माना गया है।
इस दौरान बैंगन, पत्तेदार सब्जियों, तला और मसालेदार भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है। इस दौरान प्रभु आराधना के साथ व्रत-उपवास के जरिये आत्मोत्थान किया जाता है। 

ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

0 Comments