राजीव तिवारी का नेशनल चैंबर की सदस्यता से इस्तीफा
- मैनेजिंग कमेटी और पूर्व अध्यक्षों के ग्रुप से भी स्वयं को अलग किया
आगरा, 18 सितम्बर। नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष राजीव तिवारी ने चैम्बर की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। चैम्बर भवन में सोमवार की सायं करीब ढाई घंटे चली पूर्व अध्यक्षों की कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने अपनी बात को प्रमुखता से रखते हुए यह घोषणा की। इसके बाद उन्होंने चैंबर को अपना इस्तीफा भेज दिया, साथ ही मैनेजिंग कमेटी और पूर्व अध्यक्षों के ग्रुप से भी स्वयं को अलग कर लिया।बैठक में राजीव तिवारी ने उनके व्यापार को लेकर उठाए गए सवालों पर भी कड़ा ऐतराज किया और कहा कि उनके बारे में यह कहा जा रहा है कि वह व्यापार बंद कर चुके हैं, लेकिन यह सही नहीं है। उनका व्यापार आज भी जारी है। यह सही है कि टर्नओवर कम हो जाने पर उन्होंने अपना जीएसटीआईएन सरेंडर कर दिया था, लेकिन व्यापार आज भी जारी है और वे अभी तक की गई बिक्री और खरीद के पर्चे पेश कर सकते हैं। चैंबर के संविधान के मुताबिक बिना जीएसटीआईएन के भी व्यापार करते हुए वह सदस्य रह सकते हैं। कुछ लोगों ने एक होटल में स्थित उनके कार्यालय के बंद होने की बात उठाई, इस पर उन्होंने कहा कि स्थान परिवर्तित होना व्यापार बंद होना नहीं है, वह आज भी अपने घर से अपना व्यापार कर रहे हैं।
बैठक में राजीव तिवारी ने स्वयं को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड की घोषणा किए जाने और फिर एक दिन बाद ही अवॉर्ड नहीं देने की सूचना और उसमें उल्लिखित कारण पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि घोषणा करते समय चैम्बर के प्रति उनकी सेवाओं के लिए अवार्ड दिए जाने की बात कही गई थी। निर्णय पलटते समय यह कहा जाना कि आप व्यापार जारी रख रहे हैं इसलिए अवार्ड नहीं दिया जा रहा है, सरासर गलत है। उन्होंने सवाल किया कि अवार्ड्स उनकी सेवाओं के लिए दिया जा रहा था न कि व्यापार करने या न करने के लिए। चैंबर के संविधान में भी नहीं लिखा है कि व्यापार जारी रखने वाले को यह अवार्ड नहीं दिया जा सकता। तिवारी ने कहा कि उन्होंने अपनी ओर से कभी अवॉर्ड नहीं मांगा, लेकिन एक बार घोषणा करके दो दिन बाद गलत कारण के साथ उससे मुकरना सरासर अपमान है और इससे खिन्न होकर वह चैंबर की सदस्यता से ही इस्तीफा दे रहे हैं।
एक पूर्व अध्यक्ष ने उठाए चैंबर पर सवाल
कोर कमेटी की बैठक एक पूर्व अध्यक्ष द्वारा उठाए गए विषयों पर बुलाई गई थी। इस पूर्व अध्यक्ष ने आज अपने विषयों को खुलकर रखा। उन्होंने कहा कि वह चैंबर के संविधान में तय नियमों के तहत कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। इसे किसी को व्यक्तिगत आक्षेप के रूप में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चैंबर उद्योग और व्यापार हित में अधिक कार्य नहीं कर पा रहा है। उन्होंने जानना चाहा कि पिछले दिनों तमाम बैठकें हुईं, कई बार तो एक ही दिन में दो बैठकें हुईं, उनका फॉलोअप कितना हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि चैंबर के स्टाफ पर संभवतः काम का इतना बोझ है कि वह बैठकों के फॉलोअप की दिशा में काम नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि चैंबर अन्य कार्यक्रम भी करे, लेकिन मूल उद्देश्य हमेशा ध्यान रहना चाहिए।
जल्द फिर होगी कोर कमेटी की बैठक
कोर कमेटी में सभी पूर्व अध्यक्ष सदस्य होते हैं। वर्तमान अध्यक्ष को भी सदस्य माना जाता है। बैठक में करीब सत्रह सदस्य उपस्थित थे। तमाम अन्य मुद्दों पर भी चर्चा शेष रह गई। इसलिए तय किया गया कि दस-बारह दिन में ही कोर कमेटी की बैठक पुनः बुलाई जाएगी और अन्य विषयों पर चर्चा होगी।
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