रामचरित मानस देश की दशा और दिशा बदल देगा, प्रतिदिन पांच दोहे पढ़ें- स्वामी रामभद्राचार्य
आगरा, 09 अप्रैल। कोठी मीना बाजार मैदान पर बनाए गए वृहद पंडाल में चल रही राम कथा में व्यास पीठ पर विराजमान स्वामी रामभद्राचार्य ने रविवार को कहा कि हिंदू वैदिक संस्कृति की व्याख्या पढ़नी हो तो केवल रामचरित मानस पढ़ लो सब समझ आ जायेगा। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ भारत की दशा और दिशा दोनों बदल देगा, हिंदुओं को इसके प्रतिदिन न्यूनतम पांच दोहे का पाठ करना चाहिए।
कथा के सातवें दिन उन्होंने श्रीराम के वन गमन का वर्णन किया और राम व भरत के आपसी प्रेम की भावुक व्याख्या की। उन्होंने कहा कि आज एक भाई दूसरे का खून पीने को उतारू है। जमीन के टुकड़े पर भाई अपने भाई से लड़ मरता है। मुगल काल में भी
औरंगजेब ने अपने 13 भाइयों को दीवार में चुनवा दिया था और पिता शाहजहां को जेल में ठूंस दिया था। लेकिन राम हमें मर्यादा सिखाते हैं, वे सोचते हैं कि भरत ननिहाल गए हैं और मेरा राज्याभिषेक भाई की मौजूदगी में ही होना चाहिए। राम कथा हमें जीने की कला सिखाती है।
स्वामी रामभद्राचार्य ने इस दौरान संतों की व्याख्या भी की। उन्होंने कहा कि जिसके हृदय में प्रभु का प्रेम छलक जाए वही संत है। इसमें आयु या लिंग का भेद नहीं होता। महिला, पुरुष, बालक, युवा या बुजुर्ग कोई भी संत हो सकता है।
प्रेमनिधि मंदिर का जीर्णोद्धार होगा, उदघाटन करने आयेंगे रामभद्राचार्य
उन्होंने बताया कि वे रविवार को दिन में नाई की मंडी स्थित श्रीकृष्ण के मंदिर भी गए थे। कथा प्रचलित है कि मुगल काल में मंदिर के पुजारी प्रेमनिधि को भगवान ने बाल रूप में आकर दर्शन दिए थे। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मंदिर बहुत ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, यदि आगरा वासी 30 नवंबर तक इसका जीर्णोद्धार करा दें तो वे वे स्वयं उदघाटन करने आएंगे और एक से सात दिसंबर तक शहर में भागवत कथा भी कहेंगे। कथा समाप्ति पर मृदुला कठेरिया ने मंच से घोषणा की कि राम सेवा समिति मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 51 लाख रुपये देगी और समय सीमा में मंदिर का जीर्णोद्धार करा लिया जाएगा।
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